दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपित संतोष पाठक के पुत्र दीपांशु पाठक ने जिला प्रशासन पर ज्यादती का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यदि परिवार को घर से बेदखल कर दिया गया तब वह कहां जाएंगे। इससे उनके परिवार में किसी की जान जा सकती है। जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
हत्यारोपित संतोष पाठक के पुत्र दीपांशु पाठक का कहना है कि 15 मार्च से हत्या के मुकदमे में उनके पिता जेल में बंद हैं। परिवार में उनकी मां एक छोटा भाई और एक छोटी बहन है। मामले में लगभग सात माह बाद उनके माता और पिता की अपने वैध संसाधनों से बनाई संपत्ति पर करवाई शुरू कर दी गई। जिसकी जानकारी प्राप्त होने पर वह अपनी कोचिंग छोड़कर औरैया आया। उसकी मां सन 1996 से 2001 तक औरैया की ब्लॉक प्रमुख रहीं हैं। वर्तमान में उसका एक ही मकान औरैया शहर में है। वह उसकी मां के नाम पर पंजीकृत है। जहां उसका परिवार रहता है। जिला प्रशासन ने बिना किसी आधार के उसका मकान अपने कब्जे में ले लिया है। उसकी मां लगभग 3-4 दिनों से अस्वस्थ हैं। जिनकी कोरोना जांच कराए जाने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वापस आने के बाद भी वह अपनी मां से नहीं मिल सका। उसकी मां गंभीर स्थिति में घर में अस्वस्थ हैं। पूरा परिवार सरकार के इशारे पर छिन्न-भिन्न कर दिया गया है। कोरोना पॉजिटिव उसकी मां व परिवार को अगर घर से बेदखल किया गया तो उनके परिवार के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन औरैया व उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।