औरैया में जमीन के विवाद ने बेटे ने रिटायर सैनिक पिता को वैन से कुचलकर मार डाला
Auraiya News - औरैया/अयाना, संवाददाता। अयाना कस्बा में बुधवार शाम को जमीनी विवाद में सेवानिवृत्त सैनिक पिता
औरैया/अयाना, संवाददाता। अयाना कस्बा में बुधवार शाम को जमीनी विवाद में सेवानिवृत्त सैनिक पिता को उसके ही बेटे ने कार से कुचल दिया। परिजन इलाज के लिए सीएचसी अयाना गए। वहां डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल पर छानबीन की है। आरोपी बेटा घटना के बाद से फरार है। अयाना निवासी सेवानिवृत्त सैनिक रमेश चंद्र पाल 85 की पहली पत्नी माया देवी के दो बेटे मोती सागर, किरन कुमार हैं। माया देवी की मौत के बाद रमेश चंद्र ने सिया देवी से दूसरी शादी कर ली थी। दूसरी शादी के तीन बेटे पदम, जगदेव, शिव विजय हैं।
मोती सागर के बेटे अंकित ने बताया कि बाबा ने घर में जमीन का हिस्सा बांट दिया था। इसके बाद से चाचा पदम कम हिस्सा मिलने और पेंशन के रुपयों को लेकर घर में आए दिन झगड़ा करते थे। बुधवार दोपहर एक बजे के करीब चाचा ने बाबा से जमीन को लेकर विवाद किया था। शाम पांच बजे के करीब बाबा घर के पास स्थित तालाब किनारे टहलने गए थे। वहां से घर लौटने के दौरान चाचा ने वैन से बाबा को कुचल दिया। पड़ोसियों के बचाने दौड़ने पर चाचा वैन छोड़कर भाग निकले। इसके बाद वह उन्हें घायल अवस्था में सीएचसी अयाना ले गया। वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने छानबीन के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। अनहोनी पर परिजन रोने लगे। प्रभारी थानाध्यक्ष हरिकेश गुप्ता ने बताया कि जमीन के विवाद में बेटे ने पिता को वैन से कुचला है। वैन को कब्जे में लिया गया है। फिलहाल परिजन की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है। घायल को ले इलाज के लिए ले जाने के दौरान साइकिल सवार से टकराई बाइक औरैया। वैन से कुचले जाने से घायल हुए रमेश चंद्र की स्थिति को देखते हुए पौत्र अंकित ने एंबुलेंस का इंतजार किए बिना बाबा को पड़ोसी राजा के साथ बाइक से सीएचसी ले जा रहा था। घटना स्थल से कुछ दूरी पर पहुंचने पर उसकी बाइक साइकिल से बाजार कर लौट रही करके का पुर्वा निवासी लोकेंद्र की बेटी प्रियंका से टकरा गई। हादसे में अंकित व प्रियंका घायल हो गईं। दोनों का सीएचसी अयाना में इलाज किया गया। गृह क्लेश के चलते सन्यासी बन गए थे रमेश चंद्र औरैया। जमीन के विवाद से रिश्तों में आई दरार के चलते रमेश चंद्र के घर में आए दिन विवाद होता था। इससे निपटने के लिए उन्होंने करीब 10 साल पहले सन्यास धारण कर लिया था। कुछ साल गांव के मंदिर पर रहने के बाद वह इटावा जिले के महेवा स्थित मंदिर पर रहने लगे थे। बढ़ती उम्र को देखते हुए दो साल पहले मोती सागर व उनके बेटे रमेश चंद्र को वापस घर ले आए थे।
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