सिंचाई विभाग की टीम ने नहर पटरी दुरुस्त की
तीसरे दिन निकली हल्की धूप से किसानों को थोड़ी राहत मिली।
तीसरे दिन निकली हल्की धूप से किसानों को थोड़ी राहत मिली।
विगत तीन दिनों से बारिस के चलते जगह-जगह जलभराव हो गया था। किसानों की फसलें भी कई जगहों पर जलमग्न हो गई हैं। कच्चे व जर्जर मकानों का गिरना शुरू हो गया। अभी तक करीब डेढ़ दर्ज मकान जमींदोज हो चुके हैं।
कंचौसी के सूखमपुर गांव में नहर की पटरी टूटने से सैकड़ों बीघे किसानों की फसल डूब गई। शनिवार को हिन्दुस्तान में खबर प्रकाशित होने के बाद सिंचाई विभाग की टीम पहंुची। और नहर की पटरी दुरुस्त किया। इसके बावजूद दोनों ओर जलभराव के चलते नहर का अस्तित्व कहीं नजर नहीं आ रहा है। किसानों का कहना है कि यदि खेत से जल्दी पानी निकालने की व्यवस्था न की गई तो उनकी सारी फसल चौपट हो जाएगी। जिन किसानों के फसल जलमग्न हुई है उनमें राम प्रकाश, बेंचेलाल, बाबूराम, परशुराम, रामचंद्र, लालसिंह, कन्हैया लाल, राम सिंह, प्रदीप कुमार, अहिबरन, रामऔतार, रामकेश, उमेश चंद्र, अनिल तिवारी, राजू, सतीश कुमार, सुनील कुमार, चंदू, छोटे अली, गंगाराम, कुठार सिंह, प्रेमचंद्र, राम औतार, अशोक, फकीरेलाल, राम नरेश, दिनेश कुमार आदि शामिल हैं।