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श्रीमद्भागवत कथा में सुनाया शिव विवाह का प्रसंग

क्षेत्र के गांव हथियाखेड़ा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक बृजराज बिहारी ने शिव विवाह का प्रसंग सुनाया। बताया कि हिन्दू धर्म...

श्रीमद्भागवत कथा में सुनाया शिव विवाह का प्रसंग
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,अमरोहाTue, 01 Nov 2022 12:10 AM
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क्षेत्र के गांव हथियाखेड़ा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक बृजराज बिहारी ने शिव विवाह का प्रसंग सुनाया। बताया कि हिन्दू धर्म शास्त्रों में भगवान शंकर व माता पार्वती के विवाह की महिमा का उल्लेख अनेक रूपों में मिलता है।

कथावाचक ने कहा कि माता पार्वती के परिवार की ओर से अनेक राजा-महाराजा व रिश्तेदार विवाह में शामिल थे। शिवजी अजन्मे हैं और उनका कोई परिवार नहीं बल्कि वह स्वयं सभी के परिवार कहे जाते हैं। इसीलिए शिव बारात में ब्रह्माजी, विष्णुजी समेत सभी देवी-देवता, सुर-असुर अपने सारे झगड़े भुलाकर पहुंचे थे। शिव पशुपति हैं, मतलब सभी प्राणियों के देवता भी हैं, इसलिए समस्त जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव जंतुओं के अलावा भूत-पिशाच भी विवाह में उनकी तरफ से पहुंचे। बताया कि रुद्रप्रयाग में त्रियुगी नारायण एक पवित्र जगह है। माना जाता है कि सतयुग में जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया तब यह हिमवत की राजधानी था। विवाह मंडप की अग्नि आज भी वहां प्रज्ज्वलित है। मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए त्रियुगीनारायण मंदिर से आगे गौरी कुंड कहे जाने वाले स्थान माता पार्वती ने तपस्या की थी। बाद में भगवान शंकर ने इसी मंदिर में माता पार्वती से विवाह किया। इस दौरान ओमकार सिंह ठेकेदार, पुरुषोत्तम सिंह, डोरी सिंह, होते सिंह, चेतराम सिंह, कमल सिंह, ओमप्रकाश सिंह, डोरी सिंह आदि मौजूद रहे।

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