किशोर बंदी की मौत की खबर मिलने पर सन्न रह गया परिवार
बुलंदशहर के संप्रेक्षण गृह में बंद किशोर बंदी की मौत की खबर मिलते ही परिवार के लोग सन्न रह गए। घर में कोहराम मच गया। रोने की आवाज सुनकर मोहल्ले वाले...
गजरौला (अमरोहा)। संवाददाता
बुलंदशहर के संप्रेक्षण गृह में बंद किशोर बंदी की मौत की खबर मिलते ही परिवार के लोग सन्न रह गए। घर में कोहराम मच गया। रोने की आवाज सुनकर मोहल्ले वाले भी अपने घरों से बाहर निकल आए। उन्हें भी किशोर बंदी की मौत की जानकारी हो गई। किशोर बंदी को हापुड़ पुलिस ने 30 जुलाई को बुलंदशहर के संप्रेक्षण गृह भेजा था।
शहर के मोहल्ला सुल्तानगर निवासी किशोर शहर की एक निजी फैक्ट्री में काम करता था। उसके खिलाफ एक किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाने के आरोप में हापुड़ जनपद में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके 30 जुलाई को बुलंदशहर के संप्रेक्षण गृह में भेज दिया था। उसके पिता दो दिन पहले ही बाल बंदी गृह में उससे मिलकर आए थे। वह सोमवार को भी बेटे के मुकदमे के सिलसिले में अपने भाई के साथ हापुड़ गए थे। वह शाम को घर वापस लौट रहे थे कि हाईवे पर शहवाजपुर डोर के निकट शाम पांच बजकर 17 मिनट पर बुलंदशहर के किसी अधिकारी का फोन आया।
उन्होंने बाइक रोकी तथा फोन रिसीव किया। अधिकारी ने उन्हें संप्रेक्षण गृह में बंद उनके बेटे की फांसी के फंदे पर झूलकर मौत होने की जानकारी दी। सूचना मिलते ही पिता सन्न रह गए। उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। साथ में उनके भाई ने उन्हें किसी तरह संभाला तथा दोनों घर पहुंचे। परिवार वालों को किशोर बंदी की मौत की जानकारी हुई तो कोहराम मच गया। किशोर बंदी की मां का भी रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार वाले बुलंदशहर के लिए रवाना हो गए।