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पर्यावरण प्रेमी एसडीएम बोले, कोरोना काल से सबक ले आबादी

कोरोना काल के बीच जिले में तैनात पर्यावरण प्रेमी एसडीएम मांगेराम चौहान ने आबादी को मौजूदा परिस्थितयों से सबक लेने का सुझाव दिया है। भयावह रोग और वायरस से बचाव की अद्भुत क्षमता कुदरत और स्वयं मनुष्य...

पर्यावरण प्रेमी एसडीएम बोले, कोरोना काल से सबक ले आबादी
हिन्दुस्तान टीम,अमरोहाSun, 24 May 2020 03:08 PM
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कोरोना काल के बीच जिले में तैनात पर्यावरण प्रेमी एसडीएम मांगेराम चौहान ने आबादी को मौजूदा परिस्थितयों से सबक लेने का सुझाव दिया है। भयावह रोग और वायरस से बचाव की अद्भुत क्षमता कुदरत और स्वयं मनुष्य शरीर के भीतर समाहित होने की बात कही। खौफ से दूर आम जनमानस को इससे सबक लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

जिले में तैनात एसडीएम मांगेराम चौहान पर्यावरण प्रेमी अफसर के रूप में अलग ही पहचान रखते हैं। महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर रहते हुए भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाए गए उनके कदमों को जिले से दूर प्रदेश और देश भर में आला अफसर तक सराहते हैं। सरकारी कार्यालयों की दीवारों पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश उकेरने वाले एसडीएम मांगेराम चौहान अब कोरोना काल में भी जनमानस को जागरूक कर रहे हैं। अपनी ड्यूटी के साथ ही सोशल मीडिया और विभिन्न दूसरे माध्यमों से जनसंवाद स्थापित कर वह बीते दो महीने के दौरान प्रकृति में आए बदलावों की ओर आम जनमानस का ध्यान आकृष्ट कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक ओर जहां विश्व भर में कोरोना वायरस के खौफ के चलते आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं तो वहीं लाखों लोगों की मौत भी हो चुकी है।

इस बीच प्रकृति में आए सार्थक बदलावों ने आबादी को बड़ा संदेश दिया है। आकाश से लेकर नदियों तक में बनी स्वच्छता और विभिन्न स्थानों पर दूर पर्वत श्रंखलाओं के साफ नजर आने को वह इस समय का सबसे बड़ा परिवर्तन मानते हैं। जहरीली गैस व अन्य रासायनिक तत्वों का उत्सर्जन घटने से एयर क्वालिटी इंडेक्स में इस बीच आए सुधार को वह आने वाले कल के लिए बेहतर संकेत मानते हैं। कहते हैं कि कोरोना ने दुनिया को एक नए नजरिए से देखने और जीने का अवसर भी प्रदान किया है। पर्यावरण, प्रकृति, वन्य जीवों का सम्मान करना अब बेहद जरूरी हो गया है।

ऐसा नहीं करने की स्थिति में कोरोना जैसी महामारी का बार-बार मानव जीवन के सामने आना तय है। ऐसे में सभी को अब अपनी दिनचर्या, खान-पान, स्वभाव आदि में सकारात्मक बदलाव करते हुए आगे बढ़ना बेहद जरूरी है। इन्हीं सभी तथ्यों को लेकर आम जनमानस को जागरूक करने में अभी वह जुटे हैं। कहते हैं कि इसी तरह संवाद स्थापित कर जनमानस विशेषकर युवा पीढ़ी को आने वाले सुखद भविष्य के लिए तैयार किया जा सकता है। फिलहाल उनकी इस अनूठी पहल को अफसरों से लेकर आम जनमानस तक हर कोई सराह रहा है।

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