Protecting Crops from Fog and Frost Effective Irrigation and Traditional Methods कोहरे-पाले से फसलों को बचाने के लिए करें हल्की सिंचाई, Amroha Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsAmroha NewsProtecting Crops from Fog and Frost Effective Irrigation and Traditional Methods

कोहरे-पाले से फसलों को बचाने के लिए करें हल्की सिंचाई

Amroha News - हसनपुर, संवाददाता। कोहरे व पाले से बचाने के लिए फसलों की हल्की सिंचाई करें। सूखी भूमि की फसलों पर कोहरे व पाले की मार ज्यादा पड़ती है। अन्य कई घरेलू उ

Newswrap हिन्दुस्तान, अमरोहाFri, 27 Dec 2024 01:16 AM
share Share
Follow Us on
कोहरे-पाले से फसलों को बचाने के लिए करें हल्की सिंचाई

कोहरे व पाले से बचाने के लिए फसलों की हल्की सिंचाई करें। सूखी भूमि की फसलों पर कोहरे व पाले की मार ज्यादा पड़ती है। अन्य कई घरेलू उपायों से भी फसलों को बचाया जा सकता है।

पिछले कई दिन से आसमान में घना कोहरा छा रहा है। इसके साथ ही तापमान भी गिरकर नौ डिग्री सेल्सियस तक आ गया है। ऐसे में फसलों पर मौसम की मार पड़ रही है। जिला कृषि अधिकारी बबलू कुमार का सुझाव है कि कोहरे-पाले से बचाव के लिए फसलों की हल्की सिंचाई करें। गेहूं की फसल में सिंचाई के बाद कोहरा बेहद फायदेमंद होता है। जबकि, सूखी फसल में कोहरे से पत्तियां झुलस जाती हैं। कोहरे से फसलों को बचाने के लिए शाम के समय खेत में धुआं भी किया जा सकता है। उधर, जब वायुमंडल का तापमान चार से कम डिग्री तक पहुंचता है तो पाला पड़ने की संभावना अधिक रहती है। इसकी आशंका 28 दिसंबर से 13 जनवरी तक अधिक रहती है। हवा न चल रही हो और आसमान साफ हो तब पाला पड़ने की आशंका और अधिक बढ़ जाती है। पाला पत्तियों पर जम जाता है, इस कारण पत्तियों की नस फट जाती हैं। गौरतलब है कि जिले में करीब 52 हजार हेक्टेयर में गेहूं व लगभग 12 हजार हेक्टेयर में आलू की फसल है।

फसलों को सर्दी-पाले से बचाने में देशी तरीके कारगर

हसनपुर। पाले से पौधों को बचाने के लिए परंपरागत व रासायनिक तरीकों का प्रयोग करना चाहिए। सेवानिवृत कृषि वैज्ञानिक डा.शिव सिंह का कहना है कि सर्दी के मौसम में नर्सरी में पौधों को रात में प्लास्टिक की चादर से ढक दें, जिससे प्लास्टिक के अंदर का तापमान दो से तीन डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है। इससे पौधे पाले से बच जाते हैं। लेकिन पौधों का दक्षिणी व पूर्वी भाग खुला रहे ताकि पौधों को सुबह व दोपहर में धूप मिलती रहे। पाले से अधिक प्रभावित न होने वाली फसलें आलू में कुफरी शीतमान, कुफरी सिंदूरी व कुफरी देवा साथ ही मटर में बीएल-1, बीएल-3 इत्यादि कुछ ऐसी ही प्रजातियां वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई हैं। इसके अलावा 20 से 25 दिन तक का सड़ा हुआ मट्ठा चार लीटर, 100 लीटर छाछ का पानी में घोल बनाकर आलू की फसल में दो से तीन बार छिड़काव करने पर भी पाले से बचाया जा सकता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।