संतों की संगति से दूर होती नकारात्मक ऊर्जा
संतों की संगति से लोगों की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक का रंग चढ़ जाता है। जब इंसान की दृष्टि बदल जाती है,तो उसे सारा संसार सुंदर लगने लगता है। यह प्रवचन संत रोहताश विद्यार्थी ने कहे। ...
संतों की संगति से लोगों की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक का रंग चढ़ जाता है। जब इंसान की दृष्टि बदल जाती है,तो उसे सारा संसार सुंदर लगने लगता है। यह प्रवचन संत रोहताश विद्यार्थी ने कहे। रविवार को निरंकारी भवन में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। इसमें संत ने कहा कि सतगुरू माता सविंद्रर हरदेव महाराज के भी यही उपदेश आ रहे हैं कि ब्रह्मज्ञान की ढाल बनाकर, संकीर्णताओं और नकारात्मक विचारों को छोड़कर अपने जीवन को सुंदर, विशाल खुशहाल और भक्तिमय बनाते जाए। स्थानीय संयोजक राधेश्याम अरोरा ने बताया कि तेरह अगस्त को रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर चरन सिंह, ब्रजमोहन, हरिओम, परविंद्रर, सचिन,मोहित, रामअयोध्या, नवीत, गीता, बबीता, तिलकराज, मधु, माया, ओमवती, रूचि आदि मौजूद रहे।