कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक किया है। गेंहू की फसल अच्छी तरह पकने के बाद ही कटाई और थ्रेसिंग करने पर जोर दिया है। गेहूं भंडारण में नमी की मात्रा दस फीसदी से अधिक होने को नुकसानदायक बताया है।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक गेंहू की कटाई के बाद उसे दो-तीन दिन खेत में सूखने देना चाहिए। जब दाना दांत से काटने पर कट की तेज आवाज करे तो समझे कि सही सूख गया। गेहूं भंडारण के दौरान गेहूं में नमी का स्तर 10-12 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। टंकियों में भंडारण से पहले उन्हें कीटमुक्त करने के लिए मलाथियन 50 प्रतिशत को एक मिली को एक लीटर पानी में घोलकर 100 वर्ग मीटर में तीन लीटर घोल से दीवार, फर्श व छत पर छिड़काव कर सूखने के बाद ही भंडारण करने का सुझाव दिया है। टंकी में गेंहू भरने के बाद एल्यूमिनियम फास्फाइड 10 ग्राम पोच प्रति 10 कुंतल की दर से रखते हुए टंकी को एयर टाईट करने को बेहतर बताया गया है। इससे बनने वाली गैस फस्फिन टंकी से बाहर सात-आठ दिन तक नहीं निकलनी चाहिए। जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि गेहूं का सुरक्षित भंडारण करते समय किसानों को सावधानी बरतनी चाहिए। इससे लंबे समय तक गेहूं सुरक्षित रहता है और कोई बीमारी नहीं लगती है।