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खाद्य निर्माताओं को देना होगा पूरे साल का ब्योरा

एफडीए ने बड़े खाद्य निर्माता और खाद्य कारोबारियों पर शिकंजा कस दिया है। बगैर पंजीकरण कराए जिले में कोई भी व्यक्ति खाद्य कारोबार नहीं कर सकेगा। बड़े कारोबारियों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया...

खाद्य निर्माताओं को देना होगा पूरे साल का ब्योरा
हिन्दुस्तान टीम,अमरोहाSun, 26 May 2019 05:47 PM
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एफडीए ने बड़े खाद्य निर्माता और खाद्य कारोबारियों पर शिकंजा कस दिया है। बगैर पंजीकरण कराए जिले में कोई भी व्यक्ति खाद्य कारोबार नहीं कर सकेगा। बड़े कारोबारियों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा बड़े खाद्य निर्माता अब उत्पाद का ब्योरा नहीं छुपा सकेंगे। वर्ष भर में कितना उत्पाद तैयार हुआ, इससे कितनी आमदनी हुई। पूरा ब्योरा विभाग को देना होगा। तीस मई तक ब्योरा न देने पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।

खाद्य सुरक्षा विभाग का दायरा बढ़ता जा रहा है। ठैली पर खाद्य सामान बेचने वाले भी एफडीए के दायरे में आ गए हैं। इनके लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है। चाय की दुकान से लेकर किरना स्टोर एफडीए के अंतर्गत आएंगे। चाय की दुकान चलाने के लिए विभाग में पंजीकरण कराना होगा। दस लाख से अधिक का कारोबार करने वालों के लिए विभाग से लाइसेंस लेना होगा। बगैर लाइसेंस के कारोबार नहीं कर सकेंगे।

जिले में 60 से अधिक बड़े खाद्य निर्माता

इसके अलावा जो बड़े खाद्य निर्माताओं को पूरे साल का ब्योरा विभाग को देना होगा। इसके लिए उन्हें डी-2 फार्म भरना होगा। सालभर में कितना उत्पाद तैयार किया, इससे कितनी आमदनी हुई। आदि बिंदुओं का ब्योरा विभाग को देना होगा। जिले में 60 से अधिक खाद्य निर्माता है। इसमें दूध निर्माता, चिलिंग सेंटर, लेवलिंग, पैकेजिंग से जड़े कारोबारी शामिल हैं।

बड़े पैमाने पर होता है खाद्य मसालों का कारोबार

अमरोहा में बड़े पैमाने पर खाद्य मसाले तैयार करने का कारोबार भी होता है। काफी लोग इस व्यवसाय से जुड़े हैं। खाद्य मसालों के अलावा चाय की पत्ती की पैकेजिंग भी होती है। खाद्य निर्माताओं को 30 मई से पहले डी-1, डी-2 पर पूरा ब्योरा देना होगा। यदि निर्धारित अवधि के अंदर ब्योरा प्रस्तुत नहीं करते हैं तो एक जून से सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।

तीस मई के बाद होगी जुर्माने की कार्रवाई

बगैर पंजीकरण के कोई भी व्यक्ति खाद्य कारोबार नहीं कर सकेगा। रजिस्ट्रेशन / लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है। जो बड़े खाद्य निर्माता हैं, उन्हें पूरे साल का ब्योरा डी- टू फार्म पर भरकर देना होगा। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तीस मई के बाद जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।

सुनील कुमार सिंह, डीओ, एफडीए

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