नए साल के पहले दिन पुलिस का गुडवर्क पर जोर, एफआईआर से किनारा
अमरोहा पुलिस का भी हाल निराला है। क्राइम कंट्रोल करने के लिये अजीब तरीका अपनाया गया। नए साल पर गुडवर्क करने पर ही जोर दिया गया, बाकी को दरकिनार करने के मामले सामने...
अमरोहा पुलिस का भी हाल निराला है। क्राइम कंट्रोल करने के लिये अजीब तरीका अपनाया गया। नए साल पर गुडवर्क करने पर ही जोर दिया गया, बाकी को दरकिनार करने के मामले सामने आए। दर्जनभर थानों में से मात्र पांच की चिक चल पाई, इनमे भी गुडवर्क ही थे, बाकी का रिकॉर्ड नए साल पर जीरो, जबकि तहरीर कहीं अधिक बतलाई गई। शायद उन्हें यही सोचकर दर्ज नहीं किया, ताकि पूरे गुडवर्क ही पुलिसवालों के नाम रहेगा।
सोमवार को जनपद के 12 थानों में भी नए साल का सुरुर जबरदस्त नजर आया। रीति-रिवाज के मुताबिक एक-दूसरे को विश किए गए, बल्कि गुडवर्क पर हर किसी ने जोर दिया। इसकी गवाही थानों की जीडी दे गई। हर कुछ में सबकुछ रिकॉर्ड करने वाली जीडी में नए साल को सिर्फ गुडवर्क ही दर्ज हो पाए। बात थाना अमरोहा नगर से शुरू की जाए आबकारी अधिनियम का एक केस दर्ज कर गुडवर्क हुआ। इसके साथ ही डिडौली, गजरौला, आदमपुर और रजबपुर में भी आबकारी एक्ट के मुकदमे दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी दिखाई। लेकिन महिला थाना, नौगावां सादात, धनौरा, बछरायूं और देहात थाने की जीडी निल की स्थिति में रही, अगर कुछ दर्ज हुआ तो वह गुडवर्क ही रहा। रिटायर्ड डिप्टी एसपी एमपी सिंह के मुताबिक पुलिस भी यही समझती है कि अगर साल के पहले दिन सबकुछ ठीक रहे तो थानेदारी या अपने-अपने चार्ज को कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन यह अंधविश्वास से अधिक कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ सालों में नए साल पर गुडवर्क पर जोर देना और बाकी अपराध को रिकॉर्ड से दूर रखने का चलन तेजी से बढ़ा है। जो किसी मजाक से कम नहीं है, चूंकि पता नहीं किस क्षेत्र में कौन बड़ा अपराध हो जाए और कई बार रिपोर्ट दर्ज न होना का भी एक बड़ा कारण अपराध होना सामने आ जाता है।