15 फीसदी गेहूं की बुवाई शेष, बदले मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता
Amroha News - किसानों को गन्ने की पर्ची नहीं मिल रही है, जिससे गेहूं की बुवाई में देरी हो रही है। 72 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल पर गेहूं की बुवाई का लक्ष्य है, लेकिन अभी तक सिर्फ 15 प्रतिशत बुवाई हुई है। मौसम में...

शुगर मिलों से गन्ने की पर्ची नहीं मिलने के कारण किसान गेहूं की लेट बुवाई नहीं कर पाए हैं। खेतों में छिला पड़ा गन्ना सूख रहा है। गेहूं की बुआई का कार्य अधर में लटका हुआ है। शुक्रवार से मौसम में बदलाव का दौर शुरू हो गया है। सुबह से आसमान में बदल उमड़ रहे हैं। बारिश के आसार बनते जा रहे हैं। यदि अब बारिश होती है तो गेहूं की बुवाई का कार्य प्रभावित होगा। किसानों को खेत खाली रहने की चिंता सता रही है। जिले में 72 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल पर गेहूं की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बीते 15 नवंबर से जिले में गेहूं की बुवाई का कार्य चल रहा है। लेकिन अभी तक गेहूं की बुवाई का कार्य पूरा नहीं हुआ है। करीब पंद्रह फीसदी बुबाई का कार्य शेष रहा है। शुगर मिलों की सुस्त रफ्तार से गेहूं की बुवाई अधर में लटकी है। क्षेत्र के किसान गन्ने की पर्ची के लिए शुगर मिलों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उन्हें समय पर पर्ची नहीं मिल पा रही है। इसके कारण गेंहू की बुवाई में देरी हो रही है। किसानों के खेतों में कटा पड़ा गन्ना सुखने लगा इसके चलते किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। किसान इस बारे में कई बार मिल अधिकारियों और सेंटरों पर शिकायत कर चुके हैं। इसके बावजूद समस्या का समाधान नही हो रहा है। इसके कारण किसानों के सामने गेंहू बुवाई के लिये भारी संकट पैदा हो गया है। पर्चियां नहीं मिलने से लाचार कुछ किसान अपने गन्ने को स्थानीय कोल्हू में आधा दामों पर डाल रहे हैं। किसान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मिल प्रबंधन समय पर पर्ची नहीं दे रहा है। इसके कारण किसानों को गेहूं बुवाई के लिये काफी देरी हो रही है। इस समस्या का समाधान होना चाहिए और किसानों को पर्ची मिलनी चाहिए। शुक्रवार की सुबह से मौसम में बदलाव का दौर शुरू हो गया है। सुबह से आसमान में बदल उमड़ रहे हैं। बारिश के आसार बनते जा रहे हैं। मौसम के बदले मिजाज को देखकर किसानों की चिंता बढ़ गई है। यदि अब बारिश होती है तो क्षेत्र में गेहूं की बुवाई का कार्य प्रभावित होगा।
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