किसान की हत्या में सिपाही व प्रेमिका समेत तीन को उम्रकैद
Amroha News - किसान नरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में अदालत ने सिपाही योगेश और दो अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला अवैध संबंधों से जुड़ा था। आरोपियों पर 65,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। शव को छिपाने...

अवैध संबंधों में बाधक बनने पर किसान की अपहरण के बाद हत्या करने के चर्चित मामले में अदालत ने सिपाही योगेश समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजाई सुनाई। वहीं शव छिपाने में दोषी को पांच साल जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने चारों दोषियों पर 65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। चारों दोषी जमानत पर थे। अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए जेल भेज दिया। 27 सितंबर 2019 की वारदात रजबपुर थाना क्षेत्र से जुड़ी थी। क्षेत्र के गांव शकरपुर समसपुर निवासी किसान नरेंद्र इस दिन बाइक से अमरोहा जाने की बात कहकर घर से निकले थे, लेकिन वह देर शाम तक घर वापस नहीं लौटे।
काफी तलाश करने के बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिला था, मोबाइल भी बंद था। नरेंद्र सिंह की पत्नी बालेश देवी ने मामले में अगले दिन थाने पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद बालेश देवी ने मुरादाबाद के मझौला थाना क्षेत्र की कांशीराम नगर कॉलोनी की गली नंबर-8 निवासी रूबी अग्रवाल पर अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण के बाद पति की हत्या कर शव छिपाने का शक जताया था। लिहाजा, पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज किया, छानबीन शुरू करते हुए मृतक नरेंद्र सिंह और रूबी अग्रवाल के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकलवाई। मजबूत साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने रूबी अग्रवाल के अलावा मेरठ जिले के जानी थाना क्षेत्र के गांव नेक निवासी सिपाही योगेश जो हत्याकांड के समय में मुरादाबाद जिले के बिलारी थाने में तैनात था। इसके अलावा मुरादाबाद के बिलारी थाना क्षेत्र के गांव अमरपुर काशी निवासी वीरपाल व विशेष को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी की निशानदेही पर पुलिस ने नरेंद्र का शव विशेष के मकान के पीछे स्थित एक कुएं से बरामद किया। मृतक नरेंद्र सिंह अनुसूचित जाति से थे। मुकदमे की विवेचना तत्कालीन सीओ मोनिका यादव ने की। चारों आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई। फिलहाल सभी जमानत पर थे। मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश विशेष एससी-एसटी एक्ट की अदालत में चल रही थी। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक एससी-एसटी एक्ट मनोज कुमार सक्सेना कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मृतक नरेंद्र सिंह और रूबी अग्रवाल के बीच प्रेम-प्रसंग थे। वहीं दोषी सिपाही योगेश के भी रूबी से अवैध संबंध थे। नरेंद्र दोनों के संबंधों में बाधा बन रहा था। जिसके चलते रूबी ने सिपाही योगेश और उसके साथी वीरपाल व विशेष के साथ मिलकर नरेंद्र की हत्या कराई थी। शव को कुएं में फेंक दिया था। मुकदमे में शुक्रवार को अदालत में आखिरी सुनवाई हुई। पत्रावली के अवलोकन व साक्ष्य के आधार पर अदालत ने सिपाही योगेश, उसके दोस्त विशेष व रूबी अग्रवाल को हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। तीनों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। वहीं शव छिपाने के मामले में दोषी वीरपाल को पांच साल जेल की सजा सुनाई तथा पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
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