नहाय खाय संग आज से शुरू होगा छठ महापर्व
छठ पर्व की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय से होगी। पूर्वांचल में इस महापर्व के लिए उत्साह है। महिलाएं खरीदारी में व्यस्त हैं और अमरोहा के वासुदेव तीर्थ स्थल पर पूजा की तैयारी पूरी की गई है। इस दिन घर में...
सूर्य उपासना के चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय संग होगी। महापर्व को लेकर पूर्वांचल के मूल निवासियों में उत्साह का माहौल है। घरों में चहल-पहल देखी जा रही है। बाजारों में रौनक छाई है। महिलाएं खरीदारी में जुटी हैं। अमरोहा के वासुदेव तीर्थ स्थल पर छठ पूजा की तैयारी पूरी कर ली गई है। सरोवर की सफाई भी कराई जा रही है। जिले में छठ महापर्व धूमधाम संग मनाया जाता है। नहाय खाय के साथ आज से छठ पर्व की शुरुआत होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित आशुतोष त्रिवेदी के मुताबिक छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय के नाम से जाना जाता है। नहाय खाय के साथ लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत होती है। इस दिन से घर में शुद्धता का बहुत ध्यान रखा जाता है। लहसुन-प्याज से परहेज किया जाता है। छठ व्रत एक कठिन तपस्या है। छठ व्रत मूल रूप से महिलाएं ही करती हैं हालांकि, कुछ पुरुष भी इस व्रत को रखते हैं। मान्यता के मुताबिक, छठी मैया ने कार्तिकेय को दूध पिलाकर पाला था। इसी से छठ में दूध का अर्घ्य देने की परंपरा शुरू हुई। अमरोहा व गजरौला क्षेत्र में पूर्वांचलवासियों की संख्या अधिक है, जो हर साल हर्षोल्लास के साथ छठ मनाते हैं। पूर्वांचल की महिलाएं भी छठ पूजा की तैयारी में जुटी हैं। बाजारों में खरीदारी की जा रही है। वासुदेव तीर्थ स्थल स्थित सरोवर की सफाई भी कराई जा रही है।
छह महापर्व में कब, क्या
- पांच नवंबर को नहाय-खाय
- छह नवंबर को खरना
- सात नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य
- आठ नवंबर को उगते हुए को अर्घ्य
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