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अच्छे मानसून से अमरोहा का भू जलस्तर सुधरने की जगी उम्मीद

अच्छे मानसून फसलों के लिए ही अच्छा नहीं है, बल्कि जमीन के लिए भी अच्छा है। इस बार अच्छे मानसून को देखकर अमरोहा में भू-जलस्तर सुधरने की उम्मीद जगी है। अमरोहा में पिछले कई साल से लगातार भू-जलस्तर गिरने...

अच्छे मानसून से अमरोहा का भू जलस्तर सुधरने की जगी उम्मीद
हिन्दुस्तान टीम,अमरोहाWed, 04 Jul 2018 12:43 PM
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पिछले आठ साल में बीते वर्ष सबसे कम बारिश के कारण जनपद में सिंचाई का संकट गहराया हुआ है। भूमिगत जलस्तर में तेजी से गिरावट आई है। लेकिन मौसम विशेषज्ञों के दावों और काले बादलों को देख भू-जलस्तर सुधरने की उम्मीद जगी है। सर्वाधिक वर्षा वर्ष 2016 में जुलाई माह में 508 मिली मीटर दर्ज की गई थी।

हालांकि इस बार मानसून सामान्य बताया जा रहा है। अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। पिछले चार दिन में 50 मिली मीटर वर्षा दर्ज की गई है। बीती रात जिले में अच्छी बारिश हुई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है इस बार सूखा का संकट दूर हो जाएगा। रिकार्ड तोड़ बारिश होगी।अमरोहा जनपद में पिछले दस से पंद्रह साल में भूमिगत जलस्तर में दस फिट की गिरावट आई है। भूमिगत जलस्तर 50 फिट से नीचे पहुंच गया है। इसी कारण जिले के छह ब्लाक में पांच ब्लाक डार्क जोन में चले गए हैं। दस हजार से अधिक उठले और कम गहराई वाले बोरिंग फेल हो चुके हैं। घटते जलस्तर का प्रमुख कारण औसत से कम वर्षा होना माना जा रहा है। दूसरा प्रमुख कारण जिले में गन्ना, धान, मैंथा की खेती अधिक होना रहा है। तीसर प्रमुख कारण जिले में जल संचय की ओर कोई ध्यान नहीं है। नदी तालाब पाटे जा रहे हैं। सोत नदी जिले से लुप्त हो चुकी है। बान नदी में लुप्त होने की कगार पर है।

नदियों के लुप्त होने से भी जिले का भूमिगत जलस्तर गिरा है। वर्षा के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले आठ साल में वर्ष 2016 में जुलाई माह में सर्वाधिक वर्षा 508 मिली मीटर दर्ज की गई थी। पिछले आठ वर्षा में बीते वर्ष सबसे कम वर्षा दर्ज की गई। इसी कारण क्षेत्र में अब तक सिंचाई का संकट गहराया हुआ है। औसत से कम बारिश के कारण उत्पादन पर असर पड़ रहा है। जलस्तर गिरने लगा है। बरसात से पहले बोरिंगों की जलधारा सिकुड़ने लगी थी। पानी का स्तर कम पड़ गया था। हालांकि जुलाई माह शुरू होते ही जिले में अच्छी बारिश हो रही है। इस बार सूखा का संकट नहीं रहेगा। पिछले तीन दिन में पचास मिली मीटर वर्षा दर्ज की गई है। भारी बारिश के आसार बने हुए हैं।

साल-2017

माह बारिश

जून 55 मिमी

जुलाई 171 मिमी

अगस्त 135 मिमी

सितंबर 195 मिमी

अक्टूबर में 0

साल-2016

माह बारिश

जून 49 मिमी

जुलाई 508 मिमी

अगस्त 170 मिमी

सितंबर 135 मिमी

अक्टूबर 40 मिमी

साल-2015

माह बारिश

जून 110 मिमी

जुलाई 440 मिमी

अगस्त 92 मिमी

सितंबर 8 मिमी

अक्टूबर 0

कोट

लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता हरमिंदर सिंह ने बताया कि पिछले कई साल से जलस्तर गिर रहा है। इसका प्रमुख कारण औसत से कम वर्षा होना माना जा रहा है। बीते वर्ष औसत से कम वर्षा हुई थी, इस बार अच्छी बारिश होने की उम्मीद जताई गई है।

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