बोले अम्बेडकरनगर- शिक्षकों की कमी मनचाहे विषय की पढ़ाई में बड़ी बाधा
Ambedkar-nagar News - रमाबाई राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शिक्षकों की कमी के बावजूद छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का प्रयास जारी है। मैथ, जूलॉजी, बॉटनी जैसे विषयों के अध्यापक खाली हैं। ऑनलाइन गेस्ट...

नगर के रमाबाई राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिक्षकों की कमीं के बावजूद बेटियों का भविष्य संवारने में लगा है। यहां मैथ, जूलॉजी, बॉटनी समेत कई अन्य महत्त्वपूर्ण विषयों से जुड़े अध्यापक ही नहीं है। दरअसल संबंधित विषयों के अध्यापकों की तैनाती पूर्व में थी। लेकिन कोई सेवानिवृत्त हो गया तो किसी का स्थानान्तरण हो जाने के बाद पदों पर नवीन तैनाती नहीं हो सकी। ऐसे में छात्राओं को ऑनलाइन गेस्ट फैकल्टी के माध्यम से संबंधित विषयों की शिक्षा देने की व्यवस्था बनाई गई है। इसके अलावा लैब असिस्टेंट, चपरासी व स्वीपर के पद भी खाली है। जिससे खासी दिक्कतें होती हैं।
यहां डिजिटल पुस्तकालय तो है, लेकिन उसका विस्तार करने की जरूरत है। छात्रावास का निर्माण हो जाने से छात्राओं को बेहतर ढंग से सुविधाएं मिल सकती हैं। ऑडिटोरियम की भी यहां आवश्यकता बनी हुई है। जहां तक शिक्षा की बात है तो यहां के शिक्षक छात्राओं को बेहतर ढंग से शिक्षित करने में जुटे हुए हैं। शिक्षकों के बेहतर प्रयास का परिणाम है कि प्रत्येक वर्ष कई छात्राएं जेआरएफ व नेट में क्वालीफाई करती हैं। इसके अलावा छात्राओं के व्यक्तित्व विकास के लिए खेल के साथ ही एनएसएस शिविर का भी आयोजन होता है। मूलभूत सुविधाओं में पेयजल, साफ सफाई व शौचालय की व्यवस्था और बेहतर करने की जरूरत है। खेल मैदान महाविद्यालय में है। अम्बेडकरनगर। नगर के बसखारी रोड स्थित रमाबाई राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अपनी बेहतर शिक्षा प्रणाली के लिए जाना जाता है। यह बात अलग है कि यहां मैथ, जूलॉजी व बॉटनी समेत कई अन्य महत्त्वपूर्ण शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। ऐसे में संंबंधित विषयों की शिक्षा ऑनलाइन गेस्ट फैकल्टी के माध्यम से छात्राओं को दिलाया जाता है। यदि शिक्षकों की तैनाती हो जाए तो शिक्षण व्यवस्था को और गुणवत्तापूर्ण बनाया जा सकता है। रमाबाई राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 450 छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती हैं। यहां बीए, बीएससी, एमए व एमएससी की शिक्षा छात्राओं को मिलती है। समस्या यह है कि यहां मैथ, जूलॉजी, बॉटनी, संगीत, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र व हिन्दी विषय से जुड़े शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। दरअसल पूर्व में इन पदों पर शिक्षकों की तैनाती थी। लेकिन कोई सेवानिवृत्त हो गया तो किसी का स्थानान्तरण अन्यत्र स्थान पर हो जाने से ये पद खाली हो गए। मौजूदा समय में संबंधित विषयों की शिक्षा ऑनलाइन गेस्ट फैकल्टी के माध्यम से छात्राओं को दिलाया जा रहा है। हालांकि यदि खाली पड़े पदों पर नवीन तैनाती शिक्षकों की हो जाए तो यहां शिक्षण व्यवस्था और गुणवत्तापूर्ण हो जाएगा। इसका लाभ छात्राओं को बेहतर ढंग से मिल सकेगा। इसके अलावा लैब टेक्नीशियन की भी तैनाती न होने से छात्राओं को मशक्कत करनी पड़ती है। चपरासी व स्वीपर की भी तैनाती न होने से साफ सफाई व्यवस्था के साथ अन्य प्रबंध ठीक ढंग से नहंी हो पाते हैं। नगर निवासी अभिभावक रामनाथ व सौरभ कहते हैं कि रमाबाई स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शिक्षा का स्तर बेहतर है। यदि सभी विषयों के शिक्षकों की तैनाती हो जाए तो इसका लाभ छात्राओं को मिलेगा। बगैर शिक्षकों के शिक्षण व्यवस्था उतनी बेहतर ढंग से नहीं हो सकती है। इसके लिए जिम्मेदारों को गंभीरता से प्रयास करना होगा। लाइब्रेरी का हो विस्तार, छात्रावास का कराया जाए निर्माण:छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल सके, इसके लिए यहां लाइब्रेरी की स्थापना की गई है। लेकिन छात्राओं की संख्या को देखते हुए इसका विस्तार करने की जरूरत है। इसके अलावा यहां छात्रावास का निर्माण भी कराया जाना अत्यंत जरूरी है। जिससे छात्राएं यहां ठहर सकें। महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाली छात्राओं के लिए लाइब्रेरी की स्थापना की गई है। यहां बैठने की व्यवस्था समेत अन्य प्रबंध ठीक है। लेकिन छात्राओं की संख्या को देखते हुए लाइब्रेरी का विस्तार किया जाना जरूरी हो गया है। ऐसा होने से छात्राओं को पढ़ाई में सहूलियत मिलेगी। इसके अलावा यहां छात्रावास का निर्माण की भी जरूरत है। दरअसल महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्थानीय छात्राओं के अलावा दूर दराज से भी छात्राएं आती हैं। ऐसे में उन्हें प्रतिदिन लंबी दूरी तय कर आने जाने में खासी परेशानी होती है। लेकिन यदि छात्रावास का निर्माण हो जाए तो वे यहीं पर रुककर अपनी पढ़ाई कर सकेंगी। सामाजिक कार्यकर्ता अरविन्द कहते हैं कि प्रत्येक राजकीय महाविद्यालय में छात्रावास का निर्माण होना चाहिए। क्योंकि यह सुविधा मिलने से कई छात्र छात्राओं को भागदौड़ करने से फुर्सत तो मिलेगी ही, साथ ही वे अपनी पढ़ाई पर पूरा फोकस कर सकेंगे। छात्रावास का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए। छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण के लिए होते रहते हैं सांस्कृतिक आयोजन:रमाबाई राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण के लिए खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम व एनएसएस कैंप का आयोजन होता है। जिसमें छात्राएं भाग लेकर न सिर्फ खुद के व्यक्तित्व को निखार रही हैं वरन उन्हें सामाजिक मूल्यों की भी जानकारी मिल रही है। रमाबाई राजकीय महिला महाविद्यालय में छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण के लिए समय समय पर गतिविधियां होती रहती हैं। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए जहां छात्राओं को अपनी परंपराओं व सामाजिक मूल्यों से अवगत होने का अवसर मिलता है तो वहीं खेल के माध्यम से वे अपनी प्रतिभा को दर्शाती है। इसके अलावा एनएसएस कैंप का भी आयोजन यहां होता है। जिसमें बड़ी संख्या में छात्राएं प्रतिभाग कर सामाजिक दायित्वों को जानने का प्रयास करती है। समाज व राष्ट्र सेवा के भी महत्त्व से परिचित होती हैं। इन कार्यक्रमों में भाग लेने वाली छात्राओं को समय समय पर सम्मानित कर उनका हौसला भी बढ़ाया जाता है। छात्राओं को शैक्षिक भ्रमण पर भी ले जाया जाता है। सामाजिक कार्यकर्ता आनंद कहते हैं कि शिक्षा के साथ साथ सांस्कृतिक गतिविधियां छात्र छात्राओं के चहुंमुखी विकास में सहायक होती हैं। ऐसे आयोजन प्रत्येक महाविद्यालय में होते हैं। प्रत्येक वर्ष जेआरएफ व नेट में छात्राओं का होता है चयन:महाविद्यालय में शिक्षकों की कमीं भले ही है, लेकिन छात्राओं को उपलब्ध संसाधनों में बेहतर शिक्षा देने का प्रयास शिक्षक करते हैं। शिक्षकों के बेहतर गाइडेंस व छात्राओं के परिश्रम का परिणाम है कि प्रत्येक वर्ष यहां से कई छात्राएं जेआरफ व नेट परीक्षा में क्वालीफाई करती हैं। महाविद्यालय में पढ़ने वाली कई छात्राएं प्रत्येक वर्ष जेआरएफ व नेट परीक्षा क्वालीफाई करती हैं। कई छात्राओं का चयन अब तक अच्छे पदों पर हो चुका है। यह सब यहां के शिक्षक व शिक्षिकाओं के बेहतर प्रयास का परिणाम है। महाविद्यालय के शिक्षक डॉ नंदन सिंह कहते हैं कि छात्राओं को बेहतर व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने पर जोर रहता है। इसके लिए वे बेहतर कार्ययोजना के साथ आगे बढ़ रहे हैं। जिसका परिणाम भी लगातार सामने आ रहा है। प्रोफेसर अरविन्द कहते हैं कि शिक्षा किसी भी समाज व देश की दिशा व दशा को बदलने में बहुत हद तक अपना रोल निभाती है। इसी उद्देश्य के साथ छात्राओं को शिक्षित करने के लिए पूरे मनोयोग के साथ काम किया जाता है। हमारी भी सुनिए- शिक्षकों के खाली पड़े पदों पर तैनाती हो जाने से शिक्षण व्यवस्था और बेहतर होगा। हालांकि संबंधित विषयों की शिक्षा ऑनलाइन गेस्ट फैकल्टी के माध्यम से मिल रहा है। फिर भी शिक्षकों की तैनाती होनी चाहिए। जिससे संबंधित विषयों का गहन अध्ययन छात्राएं कर सकें। जया पांडेय महाविद्यालय में सुविधाएं बेहतर है। हालांकि यहां छात्रावास का निर्माण हो जाए तो काफी अच्छा रहेगा। इसका लाभ ऐसी छात्र छात्राओं को मिलेगा, जो दूर दराज से शिक्षा ग्रहण करने के लिए महाविद्यालय पहुंचती हैं। साथ ही उन्हें प्रतिदिन के भागदौड़ से भी राहत मिलेगी। प्रज्ञा पांडेय लाइब्रेरी का लाभ छात्राओं को मिल रहा है। लेकिन इसका विस्तार करने की जरूरत है। लाइब्रेरी शिक्षा ग्रहण करने में काफी सहायक साबित हो रही है। जब यहां और सुविधाएं बढ़ेंगी तो निश्चित तौर पर अध्ययन सामग्री भी बढ़ेगी, जिससे छात्राएं खुद को अपडेट रख सकेंगी। नेहा महाविद्यालय में छात्राओं के चहुंमुखी विकास के लिए समय समय पर खेल के साथ ही सांस्कृतिक गतिवधियां होती रहती हैं। इसके साथ ही एनएसएस के माध्यम से कैंप भी लगाया जाता है, जिसके माध्यम से ग्रामीणों को विभिन्न विषयों पर जागरूक करने का अवसर मिलता है। बिन्दू छात्राओं को शिक्षकों द्वारा बेहतर शिक्षा दी जाती है। समय समय पर उनका मार्गदर्शन भी किया जाता है। इससे छात्राओं को कोई दिक्कत नहीं होती है। हालांकि कुछ विषयों के टीचर नहीं है। संबंधित पदों पर शिक्षकों की तैनाती किया जाना जरूरी है। इससे शिक्षण व्यवस्था और बेहतर होगी। आरती महाविद्यालय में लैब है, जहां छात्राएं प्रैक्टिकल करतीं है। हालांकि यहां लैब असिस्टेंट की तैनाती किया जाना जरूरी है। इससे लैब में प्रैक्टिकल करने के दौरान होने वाली मुश्किलों से निजात मिलेगा। साथ ही छात्राओं के ज्ञान में भी वृद्धि होगी। जिम्मेदारों को ध्यान देना होगा। रूबी पढ़ाई के दौरान शिक्षकों का पूरा मार्गदर्शन मिलता है। इससे छात्राओं को कोई दिक्कत नहीं होती है। जो भी संसाधन है, उसका पूरा लाभ छात्राओं को मिलता है। शिक्षा के साथ साथ कई अन्य गतिविधियों के माध्यम से छात्राएं खुद की प्रतिभा को निखार रही हैं। गरिमा महाविद्यालय में बेहतर शिक्षा का परिणाम है कि प्रत्येक वर्ष यहां से कई छात्राएं नेट व जेआरएफ जैसी परीक्षाओं में सफलता अर्जित करती हैं। इससे अन्य छात्राओं को प्रेरणा मिल रहा है। कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें यदि दुरुस्त कर दिया जाए तो काफी बेहतर रहेगा। अपूर्वा मूलभूत सुविधाएं यहां ठीक है। पेयजल के साथ ही अन्य व्यवस्थाओंं का लाभ छात्राओं को मिलता है। इससे उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है। कमरों व परिसर की भी सफाई व्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया जाता है। आकर्षिता महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाली छात्राओं को बेहतर शिक्षा दी जाती है। इसके लिए शिक्षक व शिक्षिकाएं पूरी गंभीरता के साथ काम करते हैं। जिससे आगे चलकर छात्राओं को कोई दिक्कत न हो। उनके व्यक्तित्व निर्माण पर पूरा ध्यान दिया जाता है। इसके लिए कई गतिविधियां कराई जाती हैं। डॉ नंदन सिंह छात्राओं की जो भी समस्याएं होती है, उसका निस्तारण किया जाता है। जोर यह रहता है कि छात्राओं को उपलब्ध संसाधनों में बेहतर ढंग से शिक्षित किया जाए। क्योंकि शिक्षा ही ऐसा माध्यम है, जो छात्राओं के जीवन में नवीन परिवर्तन तय कर सकता है। डॉ रवींद्र वर्मा छात्राओं को शिक्षा देने के साथ साथ कई अन्य गतिविधियों में शामिल कराया जाता है। खेल के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम व एनएसएस जैसा मंच प्रदान कर उन्हें सामाजिक मूल्यों से परिचित कराया जाता है। क्योंकि ऐसे कार्यक्रमों से छात्राओं में कर्तव्यों के प्रति गंभीरता आती है। प्रो अरविन्द बोले जिम्मेदार- छात्राओं को उपलब्ध संसाधनों में बेहतर शिक्षा दी जाती है। समस समय पर सांस्कृतिक गतिविधियों से भी उन्हें जोड़ा जाता है। शिक्षकों के खाली पड़े पदों पर तैनाती के लिए पत्राचार किया गया है। मूलभूत सुविधाओं का लाभ शिक्षकों व छात्राओं को मिल रहा है। प्रो. शेफाली सिंह, प्राचार्या, रमाबाई राजकीय महिला पीजी कॉलेज, अकबरपुर
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