यूरिया के लिए दर-दर भटक रहे हैं किसान
महरुआ। धान एवं गन्ने की फसल में ड्रॉप ड्रेसिंग करने के लिए किसानों को यूरिया
महरुआ। धान एवं गन्ने की फसल में ड्रॉप ड्रेसिंग करने के लिए किसानों को यूरिया ढूंढे नहीं मिल रही है। सरकारी केंद्रों पर यूरिया न रहने के चलते प्राइवेट दुकानदारों की चांदी हो गई है, जो मन माने रेट पर यूरिया देकर मालामाल हो रहे हैं।
भीटी तहसील क्षेत्र में यूरिया खाद के लिए किसान परेशान हैं। साधन सहकारी समितियों एवं पीसीएफ केंद्र पर यूरिया न मिलने किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। कृषक रामनरेश, रामचरन एवं दशरथ का आरोप है कि तीन बार साधन सहकारी समिति भीटी पर जाने पर यूरिया की बात तो दूर समिति पर ताला जड़ा हुआ था। पीसीएफ केंद्र तो और भी बुरा हाल है जहां पर तो लगभग तीन माह से यूरिया की आपूर्ति नहीं हुई है। वहीं प्राइवेट दुकानों पर खुलेआम 350 रुपए से चार सौ रुपए प्रति बोरी यूरिया लग्गड़ लगा कर दिया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि प्राइवेट दुकानदारों पर अंकुश न होने के चलते इनकी मनमानी कम होने के आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं। यदि सप्ताह भर के भीतर फसल में यूरिया का छिड़काव नहीं किया गया तो उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा।