अम्बेडकरनगर, समाजसेवी आबिद की मदद से ओमान में फंसे दो भारतीय वापस लौटे
दुलहूपुर। हिन्दुस्तान संवाद
दुलहूपुर। हिन्दुस्तान संवाद
देश के हजारों युवा यह सोच कर अपना वतन छोड़ रहे हैं कि विदेश जाकर ज्यादा पैसा कमायेंगे और अपनी जिंदगी बेहतर बनाएंगे, लेकिन उन्हें विदेश में ऐसा धोखा मिलता है कि उनके सारे अरमान पल भर में चकनाचूर हो जाते हैं। वह यह समझ नहीं पाते कि क्या से क्या हो गया देखते देखते। ऐसे युवाओं के लिए जिले के रुद्रपुर भगाही निवासी सैयद आबिद हुसैन संकटमोचक बन गए हैं, जिनकी कोशिशों से अभी तक दर्जनभर से अधिक युवाओं की वतन वापसी का रास्ता साफ हुआ है। सात समुंदर पार सिर्फ मस्कत ओमान से ही कुल सात भारतीय युवा आबिद हुसैन के प्रयास से अपने वतन की सोंधी मिट्टी में आके खुशहाल जिंदगी गुजार रहे हैं जो आबिद की कोशिशों व उनके जज्बों को सलाम करते हुए उन्हें दुवाएं देते नहीं थक रहें हैं। एक ताजा मामले में जिले के सुलतानगढ़ निवासी युवक चन्द्रभान और राजेश कुमार सकुशल अपने वतन पहुंच आए हैं। यह बजरंगी भाईजान के नाम से मशहूर सैयद आबिद हुसैन की मुहिम हेल्प की वजह से मुमकिन हो पाया है। दो साल पहले एक कांट्रेक्शन कम्पनी में तीस हजार रुपये प्रतिमाह तनख्वाह पर 7 लड़के संदीप कुमार, लालसा रमेश, बाबू राम, रवि शंकर, राकेश कुमार, चन्द्र भान और राजेश कुमार उधार बाड़ी और किसी तरह पैसों का इंतजाम करके मस्कत ओमान गए थे। वहां जाकर ये युवक फंस गए थे, न इन्हें तनख्वाह मिल रही थी और न ही आने दिया जा रहा था। इन युवाओं ने बीते 20 जनवरी को आबिद हुसैन को फोन कर के अपना दुखड़ा सुनाया। आबिद हुसैन कहते हैं कि सातों युवकों ने जो बात बताई वो दिल दहलाने वाली थी। आबिद के प्रयास के बाद संदीप कुमार, लालसा रमेश, बाबू राम, रवि शंकर और राकेश कुमार ओमान से भारत पहले लौट आए थे, लेकिन चन्द्र भान और राजेश कुमार किसी कारण रह गये थे मगर अब ये भी अपने वतन आ गये हैं। आबिद कहते हैं कि ओमान एम्बेसी के काउंसलेट फकरुद्दीन और राजदूत मनु महवर का दिशा निर्देशन और मदद न मिलती तो उक्त सभी युवाओं का इतनी जल्दी अपने घर आना मुमकिन न होता।