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अम्बेडकरनगर : चार अस्पताल के चार पीडियाट्रिक वार्ड में 80 बेड आरक्षित

अम्बेडकरनगर संवाददाता वैश्विक महामारी का कारण बने कोरोना की दो के बाद अब तीसरी...

अम्बेडकरनगर  : चार अस्पताल के चार पीडियाट्रिक वार्ड में 80 बेड आरक्षित
हिन्दुस्तान टीम,अंबेडकर नगरWed, 09 Jun 2021 10:10 PM
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अम्बेडकरनगर संवाददाता

वैश्विक महामारी का कारण बने कोरोना की दो के बाद अब तीसरी लहर आने वाली है। तीसरी लहर को बच्चों के लिए सबसे घातक होना बताया जा रहा है। इसी के चलते शासन और प्रशासन पहले से ही सतर्क है। करीब दो माह से शासन और प्रशासन तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में जुटा हुआ है। बात स्वास्थ्य विभाग की करें तो स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जोर शोर से जुटा हुआ है।

चिह्नित किए गए हैं चार अस्पताल

तीसरी लहर में कोरोना से संक्रमित होने वाले बच्चों के इलाज के लिए चार अस्पताल चिह्नित किए गए हैं। इसमें जिला अस्पताल, मेडिकल कालेज, कोविड अस्पताल एमसीएच विंग टांडा और कोविड अस्पताल एमसीएच विंग जलालपुर शामिल हैं।

बच्चों के बने अस्पताल में स्थापित हैं 80 बेड

बच्चों के लिए खतरनाक बताए जा रहे कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए मेडिकल कॉलेज में 40, जिला अस्पताल में 20, एमसीएच विंग टांडा में 10 और एमसीएच विंग जलालपुर में 10 बेड बच्चों के लिए आरक्षित किया गया है।

जिला अस्पताल में 10 एसएनसीयू के हैं बेड

कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के इलाज के लिए बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। वही पहले से ही जिला अस्पताल में एसएनसीयू स्थापित है। एसएनसीयू को भी तीसरी लहर में बच्चों के इलाज के लिए आरक्षित किया गया है।

32 बेड ऑक्सीजन व वेंटीलेटर युक्त

तीसरी लहर में बच्चों के इलाज के लिए आरक्षित किए गए 80 वार्डों में से 32 ऐसे बेड हैं जो वेंटिलेटर और ऑक्सीजन से आच्छादित हैं। दावा किया गया है कि अभी 10 और बेड स्थापित किया जा रहा है।

कहां हैं अभी कितने कोविड बेड

.मेडिकल कॉलेज में 168

.जिला अस्पताल में 40,

.एमसीएच विंग टांडा में 150

.एमसीएच विंग जलालपुर में 20

जिला अस्पताल में बच्चों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की जा रही है। एसएनसीयू के साथ पीडियाट्रिक वार्ड बनाया गया है। कोविड वार्ड भी स्थापित है। ऑक्सीजन बेड और वेंटीलेटर की भी सुविधा है। साफ है कि इलाज की बेहतर व्यवस्था है।

डॉ. ओमप्रकाश, सीएमएस जिला अस्पताल

तीसरी लहर से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है। तीसरी लहर में बच्चों के इलाज के लिए माकूल व्यवस्था कर ली गई है। संसाधन पहले से ही उपलब्ध है। चिकित्सक की भी तैनाती की प्रक्रिया चल रही है। तीसरी लहर में बच्चों के ही नहीं हर आयु वर्ग के लोगों के इलाज की बेहतर व्यवस्था हो रही है।

डॉ. श्रीकांत शर्मा, सीएमओ अम्बेडकरनगर

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