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राजकीय शिशु गृह के दो और नवजातों की मौत

राजकीय बाल शिशु गृह के दो और नवजातों की मंगलवार को चिल्ड्रेन अस्पताल में मौत हो गई। शिशु गृह के पांच और बच्चे अभी इस अस्पताल में भर्ती...

राजकीय शिशु गृह के दो और नवजातों की मौत
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादWed, 08 Aug 2018 12:19 PM
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राजकीय बाल शिशु गृह के दो और नवजातों की मंगलवार को चिल्ड्रेन अस्पताल में मौत हो गई। शिशु गृह के पांच और बच्चे अभी इस अस्पताल में भर्ती हैं।

शिशु गृह में सात नवजातों की मौत की जांच अभी चल रही है। इसी दौरान दो बच्चियों ने दम तोड़ दिया। इस अस्पताल में शिशु गृह के छह बच्चों को भर्ती कराया गया था। इनमें से तीन माह की गौरीशा व काजल की मौत हो गई। राजकीय बाल गृह शिशु के अधीक्षक आरके अवस्थी ने बताया कि नवजात गौरीशा को 19 मई व काजल को 22 मई को जौनपुर से लाया गया था। दोनों ही बच्चियां समय से पहली पैदा हो गई थीं। दोनों को कई बार इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। गौरीशा को तो इलाज के लिए एसजीपीजीआई भी भेजा गया था। हालत खराब होने पर पांच दिन पहले दोनों बच्चियों चिल्ड्रेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई।

चिल्ड्रेन अस्पताल की प्रभारी डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि शिशु गृह से आईं नवजातों में खून की कमी थी। पुलिस ने बच्चे का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

चिल्ड्रेन अस्पताल में एक बेड पर दो- दो बच्चे

इलाहाबाद । चिल्ड्रेन अस्पताल में भी बच्चों की देखरेख सही तरीके से नहीं हो पा रही है। बेड कम होने से मंगलवार को एक बेड पर दो- दो बच्चे लेटे हुए थे। इससे संक्रमण होने का भी खतरा है।

इस अस्पताल के चार वार्डों में 120 बेड हैं लेकिन 138 बच्चे भर्ती थे। इनमें से ज्यादातर बच्चे डायरिया, बुखार व निमोनिया के शिकार हैँ। मंगलवार शाम मांडा की मीरा देवी के बच्चे की मौत हो गई थी। उसका तो हाल बेहाल था। इन्ही बच्चों के बीच ही शिशु गृह के पांच बच्चों को भी रखा गया है। ये बच्चे अलग ही पड़े हुए थे। इनके पास कोई नहीं था। शिशु गृह की एक सेविका वार्ड के बाहर बैठी हुई थी। उसने अपना नाम भी नहीं बताया। कई बार पूछने के बाद उसने कहा कि जाकर राजकीय शिशु गृह के अधीक्षक से बात करिए। नर्स व जूनियर डॉक्टर भी शिशु गृह के बच्चों के बारे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थे। उनका एक ही जवाब था कि इन बच्चों के बारे में जानकारी चाहिए तो अस्पताल की प्रभारी से बात करिए ।

वैसे चिल्ड्रेन अस्पताल की प्रभारी डॉ. अनुभा श्रीवास्तव का कहना है कि बारिश की वजह डायरिया, बुखार व निमोनिया से पीड़ित बच्चे अधिक आ रहे हैं। ज्यादातर शिशुओं को श्वांस लेने में दिक्कत हो रही है।

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