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मुग्ध करती रहीं सुर-लय-ताल से सजीं प्रस्तुतियां

प्रयाग संगीत का मेहता प्रेक्षागृह गुरुवार को गीत-नृत्य की मोहक प्रस्तुतियों से गुलजार रहा। समिति की ओर से आयोजित 58वीं अखिल भारतीय संगीत सम्मेलन में पहली प्रस्तुति वृंदावन की आस्था गोस्वामी का गायन...

मुग्ध करती रहीं सुर-लय-ताल से सजीं प्रस्तुतियां
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादWed, 13 Nov 2019 11:37 PM
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प्रयाग संगीत का मेहता प्रेक्षागृह गुरुवार को गीत-नृत्य की मोहक प्रस्तुतियों से गुलजार रहा। समिति की ओर से आयोजित 58वीं अखिल भारतीय संगीत सम्मेलन में पहली प्रस्तुति वृंदावन की आस्था गोस्वामी का गायन रही। उन्होंने राग शुद्ध कल्याण के बिलंबित ख्याल में ‘बोलन लागे पपिहरा री सखी.. के बोल को एक ताल में प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही द्रुत ख्याल के तीन ताल में निबद्ध ‘बाजो रे बाजो रे मंजिरया बाजे... और भजन ‘ पायो जी मैंने राम रात धन पायो... व ठुमरी ‘मोरा सइयां बुलाये आधी रात मैं बैरन. प्रस्तुत कर तालियां बटोरीं। उनके साथ हारमोनियम पर शमशाद अहमद खां, डॉ. विनोद मिश्र और तानपुरा पर अंकिता और नंदिनी ने संगत किया।

दूसरी प्रस्तुति कथक केंद्र नई दिल्ली के गुरु जय किशन महाराज के समूह नृत्य की रही। उन्होंने तीन ताल में निबद्ध तराना को राग सरस्वती और हिंडोल में प्रस्तुति की। उनके साथ कलाकार जया भट्ट, रिदिमा बग्गा, रागिनी नागर, विश्वदीप और पार्थ मंडल रहे। संगतकार में संगीत त्रिभुवन महाराज, तबले पर राहुल विश्वकर्मा, गायन में विधि, बृजेश मिश्र, बांसुरी पर किरन और सरादे पर मुकेश ने संगत किया। संचालन अर्चना दास ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि कथक केंद्र के निदेशक बीबी चुग और अध्यक्ष मिलन मुखर्जी ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। कलाकारों को सचिव अरुण कुमार, कोषाध्यक्ष आदित्य नारायण ने सम्मानित किया गया। स्वागत संयुक्त सचिव हरि ओम कृष्ण श्रीवास्तव ने किया।

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