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प्रदेश के मंत्री गिरीश यादव की जमानत अर्जी खारिज

प्रदेश सरकार के मंत्री गिरीश यादव की उस अर्जी को विशेष अदालत ने खारिज कर दिया जिसमें मांग की गई थी कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का कोई आधार नहीं है इसलिए उन्हें उनमोचित कर दिया जाए। यह आदेश विशेष जज...

प्रदेश के मंत्री गिरीश यादव की जमानत अर्जी खारिज
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादSun, 08 Sep 2019 01:53 AM
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प्रदेश सरकार के मंत्री गिरीश यादव की उस अर्जी को विशेष अदालत ने खारिज कर दिया जिसमें मांग की गई थी कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का कोई आधार नहीं है इसलिए उन्हें उनमोचित कर दिया जाए। यह आदेश विशेष जज पवन कुमार तिवारी ने गिरीश चंद्र यादव के अधिवक्ता एवं मुकदमे के वादी प्यारेलाल के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद दिया।

अदालत ने कहा कि आरोपित गिरीश चंद्र यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 193 (मिथ्या साक्ष्य देना एवं गढ़ना), आईपीसी की धारा 468 (छल के प्रयोजन से कूट रचना करना), धारा 34 एवं धारा 120 बी भारतीय दंड संहिता के अधीन आरोप तय किया जाना उचित, युक्तियुक्त, प्रासंगिक, समीचीन, न्याय के हित में होगा। इसलिए आरोप तय किए जाने के लिए अभियुक्त 21 सितंबर को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों

जौनपुर निवासी प्यारेलाल ने अदालत में दाखिल मुकदमे में आरोप लगाया है कि वादी को किराए के मकान से बेदखल करने के लिए मकान के पुनर्निर्माण को संबंधित अधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश किया गया। शपथ पत्र वादी के किराएदारी के मुकदमे को छिपाकर यह लिखा गया कि प्रश्नगत मकान में पुनर्निर्माण की जाने वाली भूमि के संबंध में कोई मुकदमा किसी अदालत में विचाराधीन नहीं है जबकि मकान को आरोपितों ने मूल स्वामी से खरीदा है और संपूर्ण मकान के जीर्णोद्धार और खस्ता होने के कारण संबंधित अधिकारी से मकान के जीर्णोद्धार ओपन निर्माण हेतु अनुमति प्राप्त करने के लिए संबंधित प्रार्थना पत्र और शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जबकि इस विवादित मकान के संबंध में वादी का मुकदमा चल रहा है। इस बात को छुपाकर जो अनुमति हासिल की गई है और उसके लिए जो हलफनामा दिया गया है, वह कूटरचित है। इसलिए दंडित किया जाए। मजिस्ट्रेट ने जांच करने के पश्चात आरोपियों को तलब किया। इसके पश्चात पत्रावली विशेष अदालत में आ गई। इस अदालत में गिरीश चंद यादव की ओर से उनमोचित करने की अर्जी दी गई जो दोनों पक्षों की सुनवाई के पश्चात खारिज कर दी गई।

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