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देखिए उर्दू में रामलीला, और निखरेगी गंगा-जमुनी तहजीब

‘है राम के वजूद पे हिन्दोस्तां को नाज, अहले नजर समझते हैं उसको इमामे हिन्द। भगवान श्रीराम की अजीम हस्ती की शान और मान बयां करती मशहूर शायर अल्लामा इकबाल की यह नज्म पहली बार उर्दू में पेश होने जा रही...

देखिए उर्दू में रामलीला, और निखरेगी गंगा-जमुनी तहजीब
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादWed, 16 Oct 2019 01:29 AM
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‘है राम के वजूद पे हिन्दोस्तां को नाज, अहले नजर समझते हैं उसको इमामे हिन्द। भगवान श्रीराम की अजीम हस्ती की शान और मान बयां करती मशहूर शायर अल्लामा इकबाल की यह नज्म पहली बार उर्दू में पेश होने जा रही रामलीला में गूंजेगी। उर्दू की यह पहली काव्यात्मक रामलीला देश की गंगा-जमुनी तहजीब को और पुख्ता करेगी। रामलीला का रिवाज वैसे तो सदियों पुराना है। देश के अलग-अलग भागों में रामलीला मंचन से धर्म-अध्यात्म और सनातन पंरपरा से नाता जोड़ा जाता रहा है। पर इसमें प्रयाग की भूमिका आगे रही है। कहा जाता है कि 16वीं शताब्दी में रामलीला का मंचन शुरू हुआ था। लेकिन चार सौ साल से अधिक पुरानी इस सनातन पंरपरा की कड़ी में 19 अक्तूबर को एक नया अध्याय जुड़ेगा। यानी गंगा-जमुनी तहजीब को समर्पित ‘दास्तान-ए-राम का उर्दू में मंचन होगा। उर्दू में रामलीला का मंचन प्रयागराज में तकरीबन 100 साल पहले होता रहा है, लेकिन उर्दू काव्यात्मक यह पहली रामलीला होगी।

शानपा बनेगी सीता, अदनान लक्ष्मण

एनसीजेडसीसी के प्रेक्षागृह में होने वाली उर्दू की रामलीला में 45 कलाकार विभिन्न भूमिकाओं में नजर आएंगे। इसमें राम की भूमिका में दिल्ली के संदीप कुमार, कानपुर की शानपा सीता और दिल्ली के अदनान अहमद लक्ष्मण की भूमिका निभांएगें। संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से तैयार रामलीला के लेखक जामिया मिलिया इस्लामिया विवि के प्रो. दानिश इकबाल हैं। उर्दू जुबान में रामलीला की परिकल्पना नौ दशक पूर्व मुंशी प्रेमचंद ने की थी, जब वे जामिया मिलिया इस्लामिया विवि गए थे।

श्रवण कुमार से लेकर दीपावली तक मंचन

रामलीला के निर्माता प्रयागराज के तारिक खान ने ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि रामलीला का कथानक राजा दशरथ के बाण से श्रवण कुमार के माता-पिता की मौत से शुरू होगी। इसके बाद दशरथ मरण और भगवान राम के वनगमन से अयोध्या लौटने तक के प्रसंग की संगीतमयी प्रस्तुति होगी। साथ ही दीपावली में अयोध्या की खुशियों को भी दिखाया जाएगा। प्रस्तुति को रोचक बनाने के लिए भरतनाट्यम, कथक नृत्य और कर्नाटक के मशहूर कठपुतली छाया शो को शामिल किया गया है। कठपुतली की कोरियोग्राफी गुंदू राजू करेंगे।

बेनहर फोरम फॉर थिएट्रिक आर्ट और जोकर थियेटर ग्रुप की इस प्रस्तुति के निर्देशक मुस्तजब मलिक और कला निर्देशक संदीप कुमार हैं। प्रयागराज के बाद इसकी प्रस्तुति वाराणसी और लखनऊ में भी होगी। छह माह में तैयार की रामलीला में लगभग 20 लाख रुपये लागत आई है। रामलीला का आगाज बुधवार को दिल्ली में होने जा रहा है।

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