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प्रो. आरआर तिवारी बने इविवि के कार्यवाहक कुलपति

एमएचआरडी से आए निर्देश के बाद इलेक्ट्रानिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रो. आरआर तिवारी ने बुधवार को कार्यवाहक कुलपति की जिम्मेदारी संभाल ली। उन्होंने मंगलवार को रात नौ बजे कार्यवाहक कुलपति...

प्रो. आरआर तिवारी बने इविवि के कार्यवाहक कुलपति
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादThu, 16 Jan 2020 02:32 AM
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एमएचआरडी से आए निर्देश के बाद इलेक्ट्रानिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रो. आरआर तिवारी ने बुधवार को कार्यवाहक कुलपति की जिम्मेदारी संभाल ली। उन्होंने मंगलवार को रात नौ बजे कार्यवाहक कुलपति बनाए गए प्रो. पीके साहू से चार्ज लिया। इविवि के रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ला ने बुके देकर प्रो. तिवारी का स्वागत करते हुए उन्हें नई जिम्मेदारी की बधाई दी।

वाणिज्य विभाग के प्रो. एसए अंसारी और प्रो. आरआर तिवारी में से अगला कार्यवाहक कुलपति कौन होगा? इस पर काफी मंथन के बाद एमएचआरडी ने बुधवार को प्रो. तिवारी को कार्यवाहक कुलपति का जिम्मा सौंपने का फैसला लिया। हालांकि वरिष्ठता में प्रो. अंसारी उनसे वरिष्ठ हैं। चर्चा है कि सीबीआई जांच में शामिल होने की वजह से मंत्रालय ने प्रो. अंसारी को दायित्व सौंपना मुनासिब नहीं समझा। इस जांच को लेकर दो तरीके की बात कही जा रही है, कुछ लोगों का कहना है कि यह जांच प्रो. अंसारी के खिलाफ चल रही है तो वहीं कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि इस जांच में प्रो. अंसारी सरकारी गवाह बन चुके हैं। इविवि के रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ला ने एचआरडी मंत्रालय को शिक्षकों की वरिष्ठता सूची भेजी थी। मंत्रालय को प्रो. अंसारी को लेकर चल रही जांच के बारे में भी जानकारी दी गई थी।

इविवि के आर्डिनेंस में कार्यवाहक कुलपति को लेकर कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि जिसके खिलाफ जांच लंबित हो उसे कार्यवाहक कुलपति न बनाया जाए, इस वजह से मंत्रालय को फैसला लेना मुश्किल हो रहा था। मंगलवार को रात आठ बजे तक मंत्रालय के निर्देश का इंतजार किया गया। निर्णय नहीं हो सका इसलिए रात नौ बजे प्रो. साहू को एक दिन के लिए कुलपति का दायित्व सौंपा गया था।

नियमित नियुक्ति तक रहेंगे कुलपति

प्रो. तिवारी कुलपति के पद पर नियमित नियुक्ति होने तक कार्यवाहक कुलपति रहेंगे क्योंकि वह मई 2021 में सेवानिवृत होंगे। उन्हें इविवि आर्डिनेंस में दी गई उस व्यवस्था के तहत कार्यवाहक कुलपति का जिम्मा सौंपा गया है, जिसमें कहा गया है कि अगले आदेश या नियमित कुलपति की नियुक्ति होने तक कुलपति का दायित्व वरिष्ठ प्रोफेसर संभालेंगे।

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