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सेंटर बनाने के लिए मनमाने तरीके से बढ़ा दी स्कूल की सुविधाएं

यूपी बोर्ड की 2019 परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र निर्धारण में जिम्मेदार अफसरों ने ही खेल कर दिया। मनपसंद स्कूलों को सेंटर बनवाने के लिए उनमें सुविधाएं बढ़ा दी गई ताकि उनकी मेरिट अधिक हो जाए। आश्चर्य...

सेंटर बनाने के लिए मनमाने तरीके से बढ़ा दी स्कूल की सुविधाएं
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादMon, 12 Nov 2018 03:02 PM
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यूपी बोर्ड की 2019 परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र निर्धारण में जिम्मेदार अफसरों ने ही खेल कर दिया। मनपसंद स्कूलों को सेंटर बनवाने के लिए उनमें सुविधाएं बढ़ा दी गई ताकि उनकी मेरिट अधिक हो जाए। आश्चर्य की बात है कि स्कूलों ने अपनी रिपोर्ट में कम सुविधाएं बताई हैं लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की ओर से बोर्ड को जो ऑनलाइन सूचना भेजी गई उसमें सुविधाएं अधिक दिखाई गई है।

विश्वकर्मा विद्या मंदिर इंटर कॉलेज जगदीशपुर कौड़िहार के प्रबंधक ने स्कूल में 10 कमरे में 300 परीक्षार्थियों के इंतजाम की सूचना दी थी। लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा की ओर से बोर्ड को इसी स्कूल में 18 कमरे और 650 बच्चों के बैठाने की जानकारी दी गई है। डीआईओएस की रिपोर्ट पर इस स्कूल में हाईस्कूल के 517 और इंटर के 574 परीक्षार्थी आवंटित किए गए हैं। स्कूल के प्रबंधक राम कुमार विश्वकर्मा ने हिन्दुस्तान से बातचीत में स्वीकार किया कि उनके स्कूल में क्षमता से अधिक बच्चे आवंटित किए गए हैं। बच्चों की संख्या कम करवाने के लिए पत्र लिखेंगे।

बिना सीसीटीवी या वायस रिकार्ड वाले स्कूल भी बने केंद्र

प्रयागराज। बोर्ड ने कई ऐसे स्कूलों को भी केंद्र बनाया है जहां सीसीटीवी कैमरे या उनमें वायस रिकार्डर की सुविधा नहीं है। वाराणसी, गाजीपुर और बलिया आदि जिलों से ऐसी सूचना मिल रही है। कुछ स्कूलों ने लिखकर दिया था कि कैमरे नहीं हैं, इसके बावजूद सेंटर एलॉट हो गया। ये स्थिति तब है जबकि उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने ऐसे स्कूलों को केंद्र नहीं बनाने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक के दौरान भी यह मामला उठा था।

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