ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू
ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है। इसके लिए छिवकी से करछना स्टेशन तक ट्रैक पर नए तरह के स्लीपर लगाए जा रहे हैं। ये स्लीपर अब तक लगने वाले स्लीपरों से एक क्विंटल ज्यादा वजन के...
ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है। इसके लिए छिवकी से करछना स्टेशन तक ट्रैक पर नए तरह के स्लीपर लगाए जा रहे हैं। ये स्लीपर अब तक लगने वाले स्लीपरों से एक क्विंटल ज्यादा वजन के हैं। साथ ही इनका बेस भी अधिक चौड़ा है। इससे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाना मुमकिन हो सकेगा।
रेलवे में लकड़ी की जगह सीमेंट के स्लीपर लगाने की शुरुआत तकरीबन दो-ढाई दशक पहले हुई। अब सीमेंट के स्लीपरों को भी ज्यादा बेहतर बनाया जा रहा है। इसके तहत स्लीपर का वजन 285 किग्रा से बढ़ाकर 385 किग्रा किया गया है। नए स्लीपर ट्रायल के तौर पर छिवकी से करछना के बीच महज 7.5 किमी. लंबाई में बिछाए जा रहे हैं। पर यह माना जा रहा है कि इसके परिणामों का आकलन कर देशभर में आगे यही स्लीपर बिछाए जाएंगे।
रेलवे अफसरों का मानना है कि नए स्लीपर संरक्षा की दृष्टि से काफी कारगर होंगे। स्लीपर टूटने की घटनाएं रेल परिचालन के लिए खतरनाक माना जाता है। कहा जा रहा है कि नए स्लीपर से यह समस्या खत्म् होगी। इससे सफर महफूज होगा।