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पानी टंकी फ्लाईओवर पर अभी खाने पड़ रहे हिचकोले

पानी टंकी फ्लाईओवर पर ट्रैफिक गुरुवार सुबह से पूरी तरह चालू कर दिया गया। पहले दिन शौक से वाहन लेकर गुजरे लोगों को फ्लाईओवर पर हिचकोले खाने पड़े। सेतु निगम के अफसरों ने कहा कि तकनीकी कारणों से पुल की...

पानी टंकी फ्लाईओवर पर अभी खाने पड़ रहे हिचकोले
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादFri, 16 Nov 2018 02:14 PM
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पानी टंकी फ्लाईओवर पर ट्रैफिक गुरुवार सुबह से पूरी तरह चालू कर दिया गया। पहले दिन शौक से वाहन लेकर गुजरे लोगों को फ्लाईओवर पर हिचकोले खाने पड़े। कई जगह हिचकोले लगने पर बाइक और कार सवार लोगों ने इस पर चर्चा छेड़ दी। कोई गुणवत्ता पर सवाल उठाने लगा तो किसी ने कहा कि जल्दबाजी में पुल बनाने से ऐसा हुआ। पर सेतु निगम के अफसरों ने कहा कि तकनीकी कारणों से पुल की सतह अभी पूरी बराबर नहीं की गई।

पानी टंकी फ्लाईओवर पर यूं तो यातायात बुधवार रात कमिश्नर डॉ. आशीष गोयल के गुजरने के साथ ही चालू कर दिया गया। पर रात में इसे दोनों ओर से बंद कर दिया गया था। गुरुवार सुबह तकरीबन नौ बजे फ्लाईओवर पर यातायात सामान्य रूप से चालू किया गया। पूरे दिन शौक से लोग नए फ्लाईओवर से वाहन लेकर गुजरे। पहले दिन नए फ्लाईओवर पर दोनों ओर से ट्रैफिक चला। बाइक और कार लेकर चलने वालों को फ्लाईओवर पर कई जगह हिचकोले खाने पड़े। लीडर रोड की तरफ फ्लाईओवर की बेस से मिलान वाली जगह पर सतह तकरीबन छह इंच तक ऊंची-नीचे होने से यहां लोगों को बड़ा झटका लग रहा है। स्लैब के जोड़ों पर भी हिचकोले लग रहे हैं। रेलवे और सेतु निगम के हिस्से को जोड़ने वाली जगह पर भी सतह बराबर नहीं होने से झटके लग रहे हैं। पानी टंकी चौराहे की तरफ भी बेस से फ्लाईओवर के मिलान वाली जगह पर सतह काफी ऊंची -नीची है।

इस बारे में जब सेतु निगम के अफसरों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों से सतह बराबर नहीं की गई है। कहा कि स्लैब के जोड़ वाली जगह पर फिक्स और फ्लेक्सीबल सतह में अंतर रखना जरूरी होता है। अफसरों के मुताबिक अभी सतह बराबर करने पर स्लैब के जोड़ वाली जगह बैठ जाएगी। वहीं बेस से मिलान पर सतह ऊंची-नीची होने के बारे में कहा गया है कि एक महीने बाद सड़क की एक और लेयर बनाने पर सतह बराबर हो जाएगी।

रेलवे रविवार को जांचेगा लोड

पानी टंकी फ्लाईओवर के रेलवे वाले हिस्से में रविवार को लोड की जांच की जाएगी। रेलवे के इंजीनियर लोड की जांच करके फ्लाईओवर को क्लियरेंस देंगे। इस जांच से यह पता चलेगा कि ट्रैफिक लोड के लिए फ्लाईओवर मजबूत है या नहीं।

पुल की सतह अभी तकनीकी कारणों से बराबर नहीं की गई है। एक महीने बाद पुल की सतह बराबर नजर आएगी।

सतीश कुमार, चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर

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