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इविवि में पढ़ रहे 12 देशों के सिर्फ 72 छात्र-छात्राएं

पूरब का आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विदेशी छात्रों की संख्या दिनों-दिन कम हो रही है। शैक्षिक सत्र 2018-19 में 12 देशों के सिर्फ 72 छात्र-छात्राओं ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में...

इविवि में पढ़ रहे 12 देशों के सिर्फ 72 छात्र-छात्राएं
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादSat, 23 Mar 2019 12:37 PM
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पूरब का आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विदेशी छात्रों की संख्या दिनों-दिन कम हो रही है। शैक्षिक सत्र 2018-19 में 12 देशों के सिर्फ 72 छात्र-छात्राओं ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया है। दस वर्ष पहले विदेशी छात्रों की संख्या 240 से ज्यादा हुआ करती थी। इविवि में सबसे ज्यादा अफगानिस्तान के छात्रों ने प्रवेश लिया है। अफगानिस्तान के 50 छात्र एवं 2 छात्राएं पंजीकृत हैं। वहीं श्रीलंका, मॉरीशस, अल-सलवाडोर एवं नेपाल से 2-2, मालावाई, तंजानिया, म्यांमार, कम्बोडिया, यूएसए से 1-1, जापान से 4 और यमन से तीन छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं।

इस सत्र में सिर्फ 12 देशों के छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं, जबकि कुछ वर्ष पहले तक 22 देशों के छात्र इविवि के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर पढ़ाई करते थे। इधर के सत्रों में अफ्रीकी देशों के छात्रों की संख्या अब न के बराबर रह गई है। सात देशों के छात्रों की संख्या शून्य है। जिम्बाम्बवे, ईरान, फ्रांस, साउथ कोरिया, इराक, इथियोपिया, बोत्सवाना के एक भी छात्र इस शैक्षिक सत्र 2018-19 में पंजीकृत नहीं हैं।

यूजी-पीजी व शोध में सात छात्राएं पंजीकृत

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शैक्षिक सत्र 2018-19 में कुल सात विदेशी छात्राएं विभिन्न कोर्सों से पढ़ाई कर रही हैं। अफगानिस्तान, जापान से 2-2 छात्राएं, मॉरीशस, अल-सलवाडोर एवं यमन से 1-1 छात्राएं पंजीकृत हैं।

इनका कहना है

विदेशी छात्रों की संख्या कम होने का मुख्य कारण है कि अफ्रीकी देश की सरकारों ने छात्रों को पढ़ाई के लिए मिलने वाली स्कॉलरशिप घटा दी है। इससे अफ्रीकी देश के छात्र अब कम हो गए हैं। भारत सरकार ने अफगानिस्तानी छात्रों की स्कालरशिप बढ़ा दी है। इससे वहां के छात्रों की संख्या बढ़ी है।

प्रो. संजीव भदौरिया, अन्तर्राष्ट्रीय छात्र सलाहकार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय

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