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बरेली के उच्चतर शिक्षा अधिकारी पर एक लाख हर्जाना

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिटायर कर्मचारी को बेवजह मुकदमेबाजी में उलझाने के लिए बरेली के क्षेत्रीय उच्चतर शिक्षा अधिकारी पर एक लाख रुपये हर्जाना लगाया है। कोर्ट ने याची के सेवानिवृत्ति परिलाभों से काटे गए...

बरेली के उच्चतर शिक्षा अधिकारी पर एक लाख हर्जाना
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादWed, 02 Oct 2019 12:25 AM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिटायर कर्मचारी को बेवजह मुकदमेबाजी में उलझाने के लिए बरेली के क्षेत्रीय उच्चतर शिक्षा अधिकारी पर एक लाख रुपये हर्जाना लगाया है। कोर्ट ने याची के सेवानिवृत्ति परिलाभों से काटे गए चार लाख 28 हजार 789 रुपये सात फीसदी ब्याज के साथ छह सप्ताह में वापस करने का निर्देश भी दिया है। साथ ही कहा है कि याची ग्रेच्युटी राशि के भुगतान में देरी पर भी ब्याज पाने का हकदार है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने गोविंद बल्लभ पंत महाविद्यालय कछाला बदायूं के रिटायर हेड क्लर्क ओम प्रकाश तिवारी की याचिका पर अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी को सुनकर दिया है। याची को प्रबंध समिति ने सात अक्टूबर 1984 को निलंबित कर दिया और चार मई 1985 को सेवा से हटा दिया, जिसे याचिका दाखिल करके चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने ।8 दिसंबर 2014 को याचिका मंजूर करते हुए बर्खास्तगी रद्द कर दी और पेंशन आदि के भुगतान का निर्देश दिया। आदेश का पालन नहीं होने पर अवमानना याचिका दाखिल हुई तो परिलाभों से यह कहते हुए प्रबंधकीय अंशदान चार लाख 28 हजार रुपये काट लिए गए कि याची ने वेतन लिया और अंशदान जमा नहीं किया। जबकि याची को निलंबन की तिथि चार मई 1985 से सेवानिवृत्ति 30 जुलाई 2009 तक वेतन नहीं मिला। कोर्ट ने बकाया वेतन के भुगतान का आदेश ही नहीं दिया था। प्रबंध समिति ने कल्पना कर ली कि याची ने वेतन लिया है।

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