करोड़ों खर्च के बाद भी नमामि गंगे योजना बदहाल
केन्द्र सरकार की नमामि गंगे योजना पर अरबों रुपये खर्च होने के बाद भी गंगा की दिशा और दशा में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा...
केन्द्र सरकार की नमामि गंगे योजना पर अरबों रुपये खर्च होने के बाद भी गंगा की दिशा और दशा में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। गंदे पानी से काली हुई गंगा में गुरुवार को जानवर का बहता शव दिखाई दिया। रामघाट पर त्रिवेणी पुल के ठीक बगल और मेला प्रशासन के शिविर से महज 300 मीटर की दूरी पर गंगा की धारा में शव बह रहा था। जानवर के शव को दूसरे जानवर नोचकर खा रहे थे। छतनाग घाट पर लोग शव दफना रहे हैं।
माघ मेला का पहला स्नान पर्व चार दिन बाद दो जनवरी को शुरू होगा। मेला क्षेत्र में सफाई व्यवस्था, स्वच्छ गंगाजल को लेकर शासन और प्रशासन ने पूरी तैयारी का ऐलान कर दिया। हर रोज अफसरों के दौरे भी हो रहे हैं। खुद उप मुख्यमंत्री ने इस माघ मेले को कुम्भ मेले की रिहर्सल की संज्ञा दी है। इसके बाद भी बदहाली व्याप्त है। मेला क्षेत्र में शव बह रहा है और छतनाग घाट जो मेला क्षेत्र में महज 500 मीटर की दूरी पर है वहां लोग शव दफनाकर जा रहे हैं। छतनाग घाट पर दर्जनों शव दफनाए गए हैं। यहां पर शव दफनाने पर रोक लगी है। करीब ही छतनाग चौकी भी बनाई गई है। न तो पुलिस की इस पर नजर जा रही है और न ही मेला प्रशासन की।