ईद-उल-अजहा की तैयारियों में जुटे मुस्लिम
राहे हक में कुर्बानी का त्योहार बकरीद 12 अगस्त को मनाया जाना है। चांद की तस्दीक के बाद शहरकाजी मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी ऐलान कर चुके हैं कि सोमवार यानी 12 अगस्त को ईद-उल-अजहा मनाई जाएगी। ऐसे में...
राहे हक में कुर्बानी का त्योहार बकरीद 12 अगस्त को मनाया जाना है। चांद की तस्दीक के बाद शहरकाजी मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी ऐलान कर चुके हैं कि सोमवार यानी 12 अगस्त को ईद-उल-अजहा मनाई जाएगी। ऐसे में मुस्लिम इलाकों में त्योहार की तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं। कुर्बानी के लिए बकरे और दुम्बों की खरीद के साथ सेवईं, सूतफेनी, मेवे, मसाले आदि खरीदे जा रहे हैं।
रविवार को छुट्टी का दिन होने से चौक, नूरुल्लाह रोड, नखास कोहना आदि में खरीदारों की भीड़ जुटी। त्योहारों पर मेहमानों के लिए लजीज पकवान तैयार कराने को लोग तरह-तरह के मेवे, बिरयानी के चावल, मसाले आदि की खरीदारी में मशगूल दिखे। कुर्बानी के लिए बकरों की खरीदारी में भी लोग मशगूल हैं। जगह-जगह घूमकर लोग मनमाफिक बकरे तलाश रहे हैं। अभी रेट कुछ ज्यादा बताया जा रहा है। बहुतेरे लोग बकरों की खरीदारी के लिए गांवों का रुख भी कर रहे हैं। रविवार की छुट्टी का दिन होने से काफी लोगों ने कुर्बानी के बकरे की तलाश में कौशाम्बी और यमुनापार इलाकों का रुख किया। वहीं, शहर के चौराहों पर भी कुर्बानी के बकरे बेचने वाले दिखने लगे हैं। लेकिन अभी राजस्थान और इटावा की तरफ से बकरों की खेप आने का लोगों को इंतजार है।
शहरकाजी ने जारी की हिदायत
शहरकाजी मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी ने बकरीद पर मुस्लिमों के लिए कई हिदायतें जारी की हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम कुर्बानी जरूर कराएं लेकिन ममनुआ यानी प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी हरगिज न करें। कुर्बानी खुलेआम करने से बजाए आड़ में करें। सफाई का खास ख्याल रख्रें। गोस्त कहीं ले जाते वक्त ढककर ले जाएं। कुर्बानी के गोश्त के तीन हिस्से करें। एक गरीबों तो दूसरा दोस्त-असबाब का और तीसरा अपने व रिश्तेदारों का।