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नवरात्र: घरों और मंदिरों में आज घटस्थापना

शारदीय नवरात्र के लिए देवी धाम सज गए हैं। रविवार से अगले नौ दिनों तक देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ पूजन-अर्चन के लिए उमड़ेगी। मंदिरों के साथ घरों में मां भगवती के जयकारे होंगे। घरों और मंदिर में...

शारदीय नवरात्र के लिए देवी धाम सज गए हैं। रविवार से अगले नौ दिनों तक देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ पूजन-अर्चन के लिए उमड़ेगी। मंदिरों के साथ घरों में मां भगवती के जयकारे होंगे। घरों और मंदिर में...
1/ 2शारदीय नवरात्र के लिए देवी धाम सज गए हैं। रविवार से अगले नौ दिनों तक देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ पूजन-अर्चन के लिए उमड़ेगी। मंदिरों के साथ घरों में मां भगवती के जयकारे होंगे। घरों और मंदिर में...
शारदीय नवरात्र के लिए देवी धाम सज गए हैं। रविवार से अगले नौ दिनों तक देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ पूजन-अर्चन के लिए उमड़ेगी। मंदिरों के साथ घरों में मां भगवती के जयकारे होंगे। घरों और मंदिर में...
2/ 2शारदीय नवरात्र के लिए देवी धाम सज गए हैं। रविवार से अगले नौ दिनों तक देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ पूजन-अर्चन के लिए उमड़ेगी। मंदिरों के साथ घरों में मां भगवती के जयकारे होंगे। घरों और मंदिर में...
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादSun, 29 Sep 2019 01:17 AM
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शारदीय नवरात्र के लिए देवी धाम सज गए हैं। रविवार से अगले नौ दिनों तक देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ पूजन-अर्चन के लिए उमड़ेगी। मंदिरों के साथ घरों में मां भगवती के जयकारे होंगे। घरों और मंदिर में शुभ मुहूर्त में घट स्थापना की जाएगी। देवी पूजन के लिए बाजारों में तैयारी पूरी हो चुकी है। नवरात्र के एक दिन पहले शनिवार से मंदिरों के बाहर नारियल, चुनरी, पूजन सामग्री, और प्रसाद की दुकानें सज गईं। वहीं, घरों में पूजास्थलों की साफ-सफाई और रंग-रोगन का काम पूरा हो गया।

29 सितंबर यानी रविवार से नवरात्र का शुभारंभ होने जा रहा है, जो आठ अक्तूबर यानी मंगलवार को विजयदशमी के साथ समाप्त होगा। सात अक्तूबर दिन सोमवार को महानवमी होगी। नवरात्र इस बार पूरे नौ दिनों का होगा। पहले दिन मठ-मंदिर व घरों में देवी के शैलपुत्री स्वरूप की उपासना की जाएगी। मंदिर परिसर में सुबह से श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगेगा। इसे ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रबंधन की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। घरों में पूजन के लिए विशेष तैयारी की गई है। पूजन स्थल पर नए कपड़े बिछाकर रंग-बिरंगी झालरों से सजया गया है। नवरात्र के पहले दिन से दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के लिए लोगों ने ब्राह्मणों को आमंत्रित किया है।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

प्रयागराज। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि रविवार को द्विस्वभाव या स्थिर लग्न या अभिजित मुहूर्त में दिन 11:30 से 12:24 बजे तक किया जाएगा। साथ ही यदि शुभ चौघड़िया भी मिल जाए तो अति उत्तम होगा। जो निम्न है।

सुबह 7:30 बजे से 9 बजे तक चौघड़िया, सुबह 9 बजे से 10:30 बजे तक चौघड़िया। सुबह 10:30 से दोपहर 12 बजे तक अमृत चौघड़िया। दोपहर1:30 से 3 बजे तक शुभ चौघड़िया।

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