सरकारी धन के दुरुपयोग में 147 ग्राम प्रधानों की जांच शुरू
ग्रामसभाओं में बिना काम कराए ही दर्जनों ग्राम प्रधानों ने सरकारी धन को निकालकर बंदरबांट कर ली है। इसके अलावा ग्राम प्रधानों और ग्राम विकास अधिकारियों की मिलीभगत से सुविधा शुल्क लेकर अपात्रों को आवास...
ग्रामसभाओं में बिना काम कराए ही दर्जनों ग्राम प्रधानों ने सरकारी धन को निकालकर बंदरबांट कर ली है। इसके अलावा ग्राम प्रधानों और ग्राम विकास अधिकारियों की मिलीभगत से सुविधा शुल्क लेकर अपात्रों को आवास व शौचालय दिए गए हैँ। ऐसे ही 147 प्रधानों के खिलाफ ग्रामीणों ने लिखित में शिकायत की है।
सरकारी धन का दुरुपयोग करने की शिकायत सबसे ज्यादा गंगापार के प्रधानों के खिलाफ की गई है। इनमें गंगापार के 85 और यमुनापार के 62 ग्राम प्रधान शामिल हैँ। ज्यादातर शिकायतें शपथपत्र पर की गई हैँ।
जिसे गंभीरता से लेते हुए शौचालय, पीएम आवास व ग्रामसभाओं में किए गए विकास कार्यों में अनियमितता की शिकायतों की जांच के लिए जिले में 20 टीम गठित कर दी है। डीपीआआरओ कार्यालय की ओर से जांच करने वाली टीमों को 15 जून तक जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
इन मामलों में की गई है शिकायत--
आवास, शौचालय, सड़क, नलों का रीबोर, नाली, मनरेगा के तहत तालाबों की खुदाई आदि शामिल हैँ।
वर्जन-
ग्राम प्रधानों के खिलाफ शिकायते आई हैँ। इनकी जल्द जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ग्राम विकास अधिकारियों की मिलीभगत से अगर कागज पर काम कराकर पैसा निकाला गया है तो उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अनिल कुमार त्रिपाठी, जिला पंचायतराज अधिकारी, प्रयागराज