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वेद-पुराणों में इलाहाबाद का नामोनिशा नहीं, हर जगह है प्रयागराज

इलाहाबाद अब अधिकृत रूप से प्रयागराज हो गया। मंगलवार सुबह ही यूपी कैबिनेट की बैठक में इलाहाबाद के प्रयागराज के नाम पर मुहर लग गई। सरकार की तरफ से कहा गया मुताबिक ऋग्वेद, महाभारत और रामायण में...

इलाहाबाद अब अधिकृत रूप से प्रयागराज हो गया। मंगलवार सुबह ही यूपी कैबिनेट की बैठक में इलाहाबाद के प्रयागराज के नाम पर मुहर लग गई। सरकार की तरफ से कहा गया मुताबिक ऋग्वेद, महाभारत और रामायण में...
1/ 2इलाहाबाद अब अधिकृत रूप से प्रयागराज हो गया। मंगलवार सुबह ही यूपी कैबिनेट की बैठक में इलाहाबाद के प्रयागराज के नाम पर मुहर लग गई। सरकार की तरफ से कहा गया मुताबिक ऋग्वेद, महाभारत और रामायण में...
इलाहाबाद अब अधिकृत रूप से प्रयागराज हो गया। मंगलवार सुबह ही यूपी कैबिनेट की बैठक में इलाहाबाद के प्रयागराज के नाम पर मुहर लग गई। सरकार की तरफ से कहा गया मुताबिक ऋग्वेद, महाभारत और रामायण में...
2/ 2इलाहाबाद अब अधिकृत रूप से प्रयागराज हो गया। मंगलवार सुबह ही यूपी कैबिनेट की बैठक में इलाहाबाद के प्रयागराज के नाम पर मुहर लग गई। सरकार की तरफ से कहा गया मुताबिक ऋग्वेद, महाभारत और रामायण में...
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादTue, 16 Oct 2018 02:23 PM
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इलाहाबाद अब अधिकृत रूप से प्रयागराज हो गया। मंगलवार सुबह ही यूपी कैबिनेट की बैठक में इलाहाबाद के प्रयागराज के नाम पर मुहर लग गई। सरकार की तरफ से कहा गया मुताबिक ऋग्वेद, महाभारत और रामायण में प्रयागराज का ही उल्लेख मिलता है। इलाहाबाद का नामोनिशा नहीं है।

दो दिन पहले शनिवार और रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इलाहाबाद में थे। रविवार को उन्होंने इलाहाबाद को प्रयागराज नाम करने की घोषणा कर दी थी। औपचारिकता बची थी। मंगलवार को वह भी पूरा हो गई।

1574 में अकबर ने रखा इलाहाबाद नाम

अकबरनामा और आईने अकबरी तथा अन्य मुगलकालीन ऐतिहासिक पुस्तकों से ज्ञात होता है कि अकबर ने सन 1574 के आसपास यहां पर किले की नींव रखी तथा एक नया नगर बसाया जिसका नाम उसने इलाहाबाद रखा। उसके पहले तक इसे प्रयागराज के ही नाम से जाना जाता था।

मत्स्य पुराण से वाल्मीकि रामायण तक प्रयागराज ही नाम

प्रयाग का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। यह तीर्थ बहुत प्राचीन काल से प्रसिद्ध है और संगम के जल से प्राचीन काल में राजाओं का अभिषेक होता था। इस बात का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में है। वन जाते समय श्रीराम प्रयाग में भारद्वाज ऋषि के आश्रम पर होते हुए गए थे। सबसे प्राचीन एवं प्रामाणिक पुराण मत्स्य पुराण के 102 अध्याय से लेकर 107 अध्याय तक में इस तीर्थ के महात्म्य का वर्णन है। उसमें लिखा है कि प्रयाग प्रजापति का क्षेत्र है जहां गंगा और यमुना बहती हैं। माघ महीने में यहां सब तीर्थ आकर वास करते हैं। इसलिए इसे तीर्थराज भी कहते हैं। अशोक का स्तंभ अबतक किले के भीतर खड़ा है जिसमें समुद्रगुप्त की प्रशस्ति खुदी हुई है।

मुख्यमंत्री ने हमेशा प्रयागराज नाम से ही किया संबोधित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा इलाहाबाद को प्रयागराज नाम से ही संबोधित किया। मार्च 2017 में सूबे की कमान संभालने के बाद से जब-जब योगी आदित्यनाथ इलाहाबाद आए, तब-तब प्रयागराज का उच्चारण सुनने को मिला। इस साल परेड मैदान में विश्व हिन्दू परिषद की ओर से आयोजित धर्म संसद में उन्होंने कहा था कि प्रयागराज नाम बदलने के प्रयास होंगे। इसके पीछे उनका तर्क है कि जहां-जहां दो नदियों का संगम होता है उस स्थान का नाम प्रयाग होता है। उत्तराखंड में रुद्र प्रयाग, देव प्रयाग जैसे स्थान का नाम इसी आधार पर पड़ा है। चूंकि इलाहाबाद में गंगा और यमुना जैसी सबसे पवित्र नदियों का संगम होता है इसलिए इसका नाम प्रयागराज होना चाहिए।

संघ प्रमुख भी प्रयागराज नाम से करते हैं संबोधित

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत भी इलाहाबाद को प्रयागराज नाम से ही संबोधित करते हैं। पिछले साल 5 सितंबर को संघ प्रमुख मांडाखास स्थित लालबहादुर शास्त्री तकनीकी इंटरमीडिएट कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में आए थे। जहां उन्होंने ललिता शास्त्री पब्लिक स्कूल में स्व. लाल बहादुर शास्त्री एवं उनकी धर्मपत्नी स्व. ललिता शास्त्री की प्रतिमा का अनावरण भी किया था। उस कार्यक्रम में उन्होंने इलाहाबाद को प्रयागराज नाम से ही संबोधित किया था। संघ के स्वयंसेवक एवं पदाधिकारी कभी इलाहाबाद नहीं कहते। कार्यक्रमों के लिए जो निमंत्रण पत्र छपवाए जाते हैं, उस पर प्रयाग ही लिखा होता है।

पासपोर्ट, आधार व अन्य पहचान पत्र बदल सकते हैं

इलाहाबाद का नाम परिवर्तन के बाद कई दस्तावेजों में बदलाव होगा। लोगों की पहचान आधार बदलेगा। मतदाता पहचान पत्र में बदलाव होगा। राशनकार्ड बदलना होगा। लोगों के नाम का अधिकृत पता बदलेगा। नया नाम मिलने के बाद इलाहाबाद में रहने वाले लोगों को सभी बदलाव के लिए खुद कोशिश करनी होगी।

पूरी दुनिया को देनी होगी नाम बदलने की जानकारी

कुम्भ के पहले इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर दी लेकिन इसकी प्रक्रिया बड़ी लंबी है। विधि विशेषज्ञ शिवलखन यादव कहते हैं कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद राज्यपाल की स्वीकृति लेकर इलाहाबाद का नाम बदल जाएगा। शिवलखन कहते हैं कि इलाहाबाद का नाम बदलने की जानकारी पूरी दुनिया को देनी होगी। दुनियाभर के सरकारी और गैरसरकारी दस्तावेजों में इलाहाबाद के स्थान पर प्रयागराज होगा। इस प्रक्रिया में समय लगेगा। इसी तरह की प्रक्रिाय मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलने में अपनाई गई। शिवलखन के अनुसार मुगलसराय की तरह इलाहाबाद का नाम बदलने पर सैकड़ों करोड़ रुपये भी खर्च होंगे। स्थानीय लोगों को भी अपने दस्तावेजों में बदलाव कराना पड़ेगा।

इन शहरों के नाम बदले

पुराना नाम नया नाम

बंबई मुंबई

मद्रास चेन्नई

कलकत्ता कोलकाता

पूना पुने

त्रिवेंद्रम तिरुवअनंतपुरम

गुड़गांव गुरुग्राम

बंगलोर बंगलूरू

उड़ीसा ओडिशा

प्रस्ताव

पटना पाटलीपुत्र

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