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मुझे तो संस्कृत पढ़ने पर मिलता था बोनस अंक

शहर में संस्कृत साहित्य को समर्पित एक मुस्लिम परिवार गंगाजमुनी-तहजीब की मिसाल है। वसुधैव कुटुंबकम को अपना आदर्श मानने वाली करेली की कमर रफीक यूनिटी कॉलेज करेली में संस्कृत की शिक्षिका रही हैं। उनके...

मुझे तो संस्कृत पढ़ने पर मिलता था बोनस अंक
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादSat, 23 Nov 2019 02:27 AM
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शहर में संस्कृत साहित्य को समर्पित एक मुस्लिम परिवार गंगाजमुनी-तहजीब की मिसाल है। वसुधैव कुटुंबकम को अपना आदर्श मानने वाली करेली की कमर रफीक यूनिटी कॉलेज करेली में संस्कृत की शिक्षिका रही हैं। उनके परिवार में सभी लोग संस्कृत के ज्ञाता हैं। वेद, उपनिषद, गीता के तमाम श्लोक बच्चों को कंठस्थ हैं। उन्हें अपने धर्म के प्रति अटूट आस्था है लेकिन मन और विचार में संकीर्णता किंचित नहीं।

उनका मानना है कि कोई धर्म किसी दूसरे धर्म का अनादर करने की इजाजत नहीं देता। धार्मिक ग्रंथों के संदेश संपूर्ण मानवता के लिए है। बीएचयू में संस्कृत शिक्षक डॉ. फिरोज खान के नियुक्ति प्रकरण से दुखी कमर रफीक ने ‘हिन्दुस्तान से संस्कृत के प्रति अपने और परिवार के समर्पण को साझा किया।

तिग्मांशु धुलिया की मां पढ़ाती थी संस्कृत

उन्होंने बताया कि 1973 में जीजीआईसी में कक्षा सात की छात्रा थी। विद्यालय में संस्कृत की शिक्षिका फिल्म निर्माता निर्देशक तिग्मांशु धुलिया की मां सुमित्रा धुलिया थीं। उन्होंने ऐच्छिक विषय के रूप में संस्कृत पढ़ने के लिए प्रेरित किया। वे मुझे सभी छात्राओं से आधा नंबर हमेशा ज्यादा देती थीं। सहेलियों के पूछने पर कहती थीं तुम्हारा पंडित परिवार की होकर संस्कृत में अच्छे अंक लाना स्वाभाविक है। लेकिन यह मुस्लिम होकर अच्छे अंक लाती है इसलिए यह बोनस अंक की हकदार है। उनकी प्रेरणा से संस्कृत में एमए किया। एलटी टीचर्स ट्रेनिंग में प्रवेश के समय साक्षात्कार में मेरे संस्कृत पढ़ने औचित्य पर प्रश्न पूछा गया तो मैंने कहा कि मैं भारतीय हूं और संस्कृत देश की प्रिय और प्राचीन भाषा-साहित्य है। कमर रफीक के पति डॉ. रफीक अहमद आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं। उन्होंने भी संस्कृत ग्रंथों का काफी अध्ययन किया है। बेटा शबी रफीक योग और संस्कृत में पारंगत है। वह योगासन की प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुका है।

यह हैं संस्कृत-उर्दू के संवाहक

उन्होंने बताया कि इविवि में किश्वर जबी के अलावा प्रदेश में कई शिक्षक संस्कृत-उर्दू के श्रेष्ठ संवाहक हैं। इसमें इविवि के उर्दू विभाग में प्रो. संजय कुमार, गोरखपुर विवि में डॉ. हरि प्रकाश श्रीवास्तव और एंग्लो बंगाली में अजय मालवीय उर्दू पढ़ाते हैं। इस्लामिया गर्ल्स कॉलेज बरेली में शिक्षिका डॉ. साइमा अजमल, मेरठ के नाजिम संस्कृत शिक्षक हैं। डीपीएस कल्याणपुर की हुमरा सुल्ताना ने अथर्ववेद में पीएचडी किया है। जुबली इंटर कॉलेज कानपुर की माहे ने हिन्दी में पीएचडी की और उर्दू में रामायण लिखी है। गोरखपुर के मो. इस्लाम के परिवार के पांच लोग अलग-अलग इंटर कॉलेज में संस्कृत के शिक्षक हैं।

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