ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशयहां आधी रात को छात्रावासों में होता है खूनी खेल

यहां आधी रात को छात्रावासों में होता है खूनी खेल

पीसीबी छात्रावास में बीते बुधवार की आधी रात को पार्टी के बाद छात्र नेता अच्युतानंद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। रात से लेकर सुबह तक हड़कंप मचा रहा। यह कोई पहली वारदात नहीं है जब छात्रावासों में आधी...

यहां आधी रात को छात्रावासों में होता है खूनी खेल
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादSun, 04 Nov 2018 02:17 PM
ऐप पर पढ़ें

पीसीबी छात्रावास में बीते बुधवार की आधी रात को पार्टी के बाद छात्र नेता अच्युतानंद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। रात से लेकर सुबह तक हड़कंप मचा रहा। यह कोई पहली वारदात नहीं है जब छात्रावासों में आधी रात को खूनी खेल हुआ है। दरअसल पुलिस की सख्ती के बाद भी मफिया व शूटर छात्रावासों में पनाह लेते हैं। उनका विश्वविद्यालय के कई छात्रावासों में कब्जा बना हुआ है। जनपद के बाहर से भी वारदात को अंजाम देकर यहां पर पनाह लेते हैं।

अच्युतानंद की हत्या से पूर्व 2017 में भी इसी तरह से बसपा नेता राजेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजेश यादव अपनी लग्जरी से डॉक्टर साथी के साथ ताराचंद छात्रावास गए थे। दो अक्तूबर की रात को वहां पर छात्रों से झड़प हो गई और छात्रों ने गोली मारकर राजेश की हत्या कर दी। इसी तरह माइकल के करीबी अंशु पाठक को 2013 में पीसीबी छात्रावास में ही गोली मार दी गई थी। पेट में गोली लगने से अंशु की हालत गंभीर बनी थी लेकिन तत्काल अस्पताल पहुंचने के कारण डॉक्टरों ने उसकी जान बचा ली। इस शूट आउट में माइकल के करीबियों ने अभिषेक सिंह सोनू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

इससे पूर्व ताराचंद में अभिषेक सिंह सोनू को गोली मारी गई थी जिसमें माइकल को जानलेवा हमले में सजा भी हुई थी। इसी तरह 2005 में ताराचंद में छात्रनेता कमलेश की हत्या हुई थी। इससे पूर्व भी छात्र नेता पुष्पेन्द्र की हत्या की गई थी। मर्डर के अलावा अक्सर छात्रावासों में रात में ही बवाल होता है। पुलिस और विश्वविद्यालय में सख्ती के बाद भी छात्रावासों में अपराधियों का कब्जा बना हुआ है। पिछले ही महीने चौफटका में 22 लाख की लूट का आरोपी वारदात को अंजाम देकर हिन्दू छात्रावास में शरण लिया था। क्राइम ब्रांच ने उसे छात्रावास से गिरफ्तार किया था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें