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तीनों बहुमंजिली इमारतों की डिजाइन तैयार करेगी कंसल्टेंसी

हाईकोर्ट परिसर में बनने वाली तीन बहुमंजिली इमारतों पर 530 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च करने को मंजूरी मिली है। इन इमारतों की डिजाइन कंसल्टेंट कंपनी तैयार करेगी। कंपनी का चयन लोक निर्माण विभाग करेगा।...

तीनों बहुमंजिली इमारतों की डिजाइन तैयार करेगी कंसल्टेंसी
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादWed, 26 Jun 2019 07:50 PM
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हाईकोर्ट परिसर में बनने वाली तीन बहुमंजिली इमारतों पर 530 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च करने को मंजूरी मिली है। इन इमारतों की डिजाइन कंसल्टेंट कंपनी तैयार करेगी। कंपनी का चयन लोक निर्माण विभाग करेगा। वकीलों के चैंबर अत्याधुनिक, हवादार और रोशनीदार बनाने के लिए डिजाइन तैयार कराई जाएगी।

लोक निर्माण विभाग हाईकोर्ट परिसर के लिए मंजूर किए गए तीन नए भवनों का निर्माण शुरू करने के लिए शासनादेश के इंतजार में है। चीफ इंजीनियर हिमांशु मित्तल व अन्य अधिकारियों का मानना है कि अभी इसमें दो से तीन दिन का वक्त लगेगा। शासनादेश मिलने के बाद विभाग विभिन्न प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी को आमंत्रित करेगी। चुनी गई कंसल्टेंसी को तीनों इमारतों के लिए डिजाइन तैयार करने को दिया जाएगा।

अफसरों ने बताया कि 11 माले वाली इमारत में वकीलों के चैंबर अत्याधुनिक, हवादार और प्रकाशदार बनवाए जाएंगे। हर फ्लोर पर शौचालय का भी प्रबंध किया जाएगा। ऊंची इमारत में पर्याप्त संख्या में लिफ्ट भी लगाई जाएगी, ताकि वकीलों को चैँबर में जाने और लौटने के लिए बहुत इंतजार नहीं करना पड़े। तेज गति वाली लिफ्ट लगाने की बात भी कही गई है।

शहर की पहली ऑटोमेटिक पार्किंग

हाईकोर्ट परिसर में बनने जा रही ऑटोमेटिक मेकैनिकल पार्किंग शहर की पहली ऑटोमेटिक पार्किँग होगी। कम जगह में ज्यादा से ज्यादा कारें खड़ी करने में यह पार्किँग कारगर होती है। हाईकोर्ट परिसर में बन रही ऑटोमेटिक मेकैनिकल पार्किंग में 632 वाहनों की पार्किंग हो सकेगी। दुनिया में सबसे पहली ऑटोमेटिक पार्किंग वर्ष 1905 में पेरिस में शुरू हुई। इस पार्किंग के फायदे देखने के बाद में अमेरिका समेत तमाम विकसित देशों ने इसे अपनाया। पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर हिमांशु मित्तल बताते हैं कि कम जगह में अधिक कारें खड़ी करने के फायदे के कारण भारत में भी इसे अपनाया गया है।

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