किन्नर अखाड़े की झलक और बलइयां पाने के लिए लगी होड़
किन्नर अखाड़े के साधु संतों का शाही स्नान आम श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा। जूना और पंच अग्नि अखाड़े के पीछे आए किन्नर अखाड़े के साधु संत जब संगम नोज पहुंचे तो जय महाकाल के नारे दोनों ओर से...
किन्नर अखाड़े के साधु संतों का शाही स्नान आम श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा। जूना और पंच अग्नि अखाड़े के पीछे आए किन्नर अखाड़े के साधु संत जब संगम नोज पहुंचे तो जय महाकाल के नारे दोनों ओर से लगाए गए। किन्नर अखाड़े के आराध्य महाकाल और वर्चुआ देवी की सवारी थी। अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी अपने रथ पर सवार रहे।
जैसे ही अखाड़े के संत दिखाई दिए श्रद्धालु सुरक्षा घेरा तोड़कर अंदर घुस गए। संतों को घेरा और बलइयां उतरवाई। अखाड़े के संतों ने भी किसी को निराश नहीं किया। सभी का अभिवादन स्वीकार किया। लोगों ने अपनी जेब से नोट और सिक्का दिया। संतों ने अपने दांत से नोट को दबाकर लोगों को वापस किया। मान्यता है कि यह सिक्का बरकत देता है। अखाड़े के शाही स्नान में 30 से अधिक ट्रैक्टर शामिल रहे।