ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशपार्किंग व्यवस्था के लिए चीफ जस्टिस व रक्षा मंत्री की होगी बैठक

पार्किंग व्यवस्था के लिए चीफ जस्टिस व रक्षा मंत्री की होगी बैठक

हाईकोर्ट ने परिसर में मल्टीलेवल पार्किंग योजना तैयार करने के लिए मुख्य सचिव को राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों, उप्र राज्य निर्माण निगम के अधिकारियों व दिल्ली मेट्रो रेल निगम के अधिकारियों के साथ...

पार्किंग व्यवस्था के लिए चीफ जस्टिस व रक्षा मंत्री की होगी बैठक
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादWed, 22 Nov 2017 02:20 PM
ऐप पर पढ़ें

हाईकोर्ट ने परिसर में मल्टीलेवल पार्किंग योजना तैयार करने के लिए मुख्य सचिव को राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों, उप्र राज्य निर्माण निगम के अधिकारियों व दिल्ली मेट्रो रेल निगम के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करने का निर्देश दिया है और छह सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।

कोर्ट ने मल्टीलेवल पार्किंग व्यवस्था होने तक पोलो ग्राउंड को पांच साल के लिए पट्टे पर लेने के संबंध में मुख्य न्यायाधीश एवं रक्षा मंत्री की बैठक की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा कि रक्षा विभाग व हाईकोर्ट के प्रमुखों की बैठक यथाशीघ्र करने की व्यवस्था की जाए।

कोर्ट ने वकीलों से ट्रैफिक इंतजाम में सहयोग करने व नियत स्थान पर ही वाहन पार्क करने का आग्रह किया है ताकि ट्रैफिक व्यवस्था में कोई अवरोध उत्पन्न न हो। यह आदेश न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने समीर शंकर व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल से क्रिकेट मैदान में अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था पर जानकारी मांगी है। साथ ही पूछा है कि परिसर में वाहन कहां पार्क हो सकते हैं।

कोर्ट ने नगर आयुक्त एवं एडीए के उपाध्यक्ष को भी निर्देश दिया है कि परिसर के आसपास पार्किंग का प्लान, जरूरी स्टाफ के साथ पार्किंग शुल्क तय करके रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट के आदेश पर डीएम, एसएसपी, एडीए उपाध्यक्ष, नगर आयुक्त, एसपी ट्रैफिक व राज्य निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक उपस्थित थे। एसपी ट्रैफिक ने खंडपीठ को बताया कि 48 चारपहिया वाहनों का चालान गलत पार्किंग पर किया गया है। आदेश पर ठीक से अमल न होने पर कोर्ट ने एसएसपी को अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने का निर्देश दिया है। साथ ही जिलाधिकारी को ट्रैफिक पर निगरानी के लिए एक मजिस्ट्रेट नियुक्त करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान मल्टीलेबल पार्किंग प्लान तैयार करने के मसले पर निर्माण निगम ने बताया कि उनके विभाग में विशेषज्ञ नहीं है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम यह कार्य कर सकता है। मुख्य सचिव ने इस आशय का पत्र महानिबंधक को लिखा है। मेट्रो रेल के प्रबंध निदेशक ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने पर सहमति दी है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को दिसम्बर के पहले सप्ताह में उच्चस्तरीय बैठक करने का निर्देश दिया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें