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पूर्व सचिवों व परीक्षा नियंत्रकों से भी पूछताछ करेगी सीबीआई

सपा सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में हुई भर्तियों की जांच कर रही सीबीआई पूर्व सचिव और परीक्षा नियंत्रकों से भी पूछताछ करेगी। सीबीआई सूत्रों के अनुसार परीक्षा कराने और परिणाम जारी करने...

पूर्व सचिवों व परीक्षा नियंत्रकों से भी पूछताछ करेगी सीबीआई
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादSun, 17 Jun 2018 11:38 AM
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सपा सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में हुई भर्तियों की जांच कर रही सीबीआई पूर्व सचिव और परीक्षा नियंत्रकों से भी पूछताछ करेगी। सीबीआई सूत्रों के अनुसार परीक्षा कराने और परिणाम जारी करने में इन अधिकारियों की अहम भूमिका होती है। ऐसे में प्रतियोगी छात्रों ने जो आपत्तियां उठाई हैं या जो साक्ष्य दिए हैं, उनके संबंध में इनका पक्ष भी लिया जाएगा।

बीबी सिंह एक सितंबर 2005 से 13 मई 2013 तक, अनिल कुमार यादव 15 मई 2013 से 15 जुलाई 2014 तक, रिजवानुर्रहमान 5 अगस्त 2014 से 4 सितंबर 2014 तक, जगदीश प्रसाद 5 सितंबर 2014 से 5 जनवरी 2015 तक, रिजवानुर्रहमान 6 जनवरी 2015 से 19 अक्तूबर 2015 तक, सुरेश कुमार सिंह 20 अक्तूबर 2015 से 29 जून 2016 तक, चन्द्रपाल सिंह 29 जून 2016 से 14 सितंबर 2016 तक, अटल कुमार राय 15 अक्तूबर 2016 से 30 जून 2017 तक सचिव के पद पर कार्यरत थे।

वहीं प्रेमनाथ दुबे 24 सितंबर 2012 से 9 अप्रैल 2014 तक, महेन्द्र प्रसाद 19 अप्रैल 2014 से 3 जनवरी 2015 तक, प्रभुनाथ 3 जनवरी 2015 से 30 जून 2017 तक परीक्षा नियंत्रक के रूप में कार्यरत हैं। इनके कार्यकाल में घोषित परिणामों की जांच सीबीआई कर रही है। लिहाजा मॉडरेटर्स से लेकर विशेषज्ञों की तैनाती और परिणामों पर उठे सवालों पर इनसे पूछताछ की बात सामने आ रही है।

रिटायर हुए तीन सदस्यों से भी होगी पूछताछ

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के तीन सदस्यों डॉ. सुनील कुमार जैन, फरमान अली और मेजर संजय यादव का कार्यकाल शुक्रवार को पूरा हो गया। शुक्रवार को दोपहर में उन्हें कार्यमुक्त किया गया। अब तक संवैधानिक पद पर होने के कारण उनसे सीबीआई पूछताछ नहीं कर सकती थी, लेकिन कार्यमुक्त होने के साथ ही यह बंधन समाप्त हो गया। आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले प्रतियोगी छात्र सदस्यों पर भी सवाल उठाते रहे हैं। डॉ. सुनील कुमार जैन कुछ समय के लिए आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष भी रहे हैं। उनके कार्यकाल में ही पीसीएस 2015 का परिणाम घोषित हुआ था जिसको लेकर सर्वाधिक शिकायतें हुई हैं।

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