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बड़े अफसर भी लाए जाएं ई गर्वनेंस के दायरे में

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम को अधिक प्रभावी बनाया जाए और छोटे अधिकारियों ही नहीं, बडे़ अधिकारियों को इसके दायरे में लाया...

बड़े अफसर भी लाए जाएं ई गर्वनेंस के दायरे में
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादSat, 01 Sep 2018 01:34 PM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम को अधिक प्रभावी बनाया जाए और छोटे अधिकारियों ही नहीं, बडे़ अधिकारियों को इसके दायरे में लाया जाए। इस अधिनियम में समय से काम न करने वाले लापरवाह अधिकारियों पर पांच सौ से पांच हजार रुपये तक अर्थदंड लगाने का नियम है लेकिन अब तक किसी भी अधिकारी पर कार्यवाही नहीं की गई। कोर्ट ने मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव लोक सेवा प्रबन्धन विभाग को आदेश की जानकारी सूबे के सभी जिलाधिकारियों, कर्मचारी संगठनों, बार एसोसिएशनों व श्रमिक संगठनों को देने का निर्देश दिया है ताकि लोगों को उनके अधिकार की जानकारी हो सके। कोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश भी दिया है।

कोर्ट ने राज्य सरकार का ऐसा तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया है जिससे ई गवर्नेंस की नियमित निगरानी की जा सके और शासनातंत्र को जवाबदेह व चुस्त दुरुस्त रखा जा सके। कोर्ट ने कहा है कि ऐसा तंत्र लागू करे जिससे अधिकारी व अपीलीय अधिकारी निर्धारित समय में अर्जियां तय कर वादकारी के मोबाइल पर निर्णय की जानकारी उपलब्ध कराएं। साथ ही लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ अर्थदंड सहित विभागीय कार्यवाही हो सके।

कोर्ट ने राज्य सरकार को पेंशन भुगतान में देरी पर आठ फीसदी ब्याज सहित हर्जाना राशि एक माह में भुगतान करने का निर्देश दिया है। याची के पिता निगम सिंह व शिवविभूति सिंह गैर शैक्षिक स्टाफ को पेंशन स्थानीय निकाय देगा या शिक्षा विभाग देगा, यह तय करने में 19 साल बीत गए। देरी से लिए गए निर्णय के कारण विधवा को पेंशन के साथ पारिवारिक पेंशन दी गई लेकिन ब्याज नहीं दिया। कोर्ट ने लापरवाह अधिकारियों पर पेनाल्टी कानून की लड़ाई से लागू न करने पर नाराजगी व्यक्त की।

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