ठुमरी और कथक की मोहक जुगलबंदी
प्रयाग संगीत समिति सिविल लाइंस शाखा में आयोजित दो दिवसीय ग्रीष्मोत्सव के अंतिम दिन पारंपरिक व शास्त्रीय नृत्य की मोहक प्रस्तुति दर्शकों को मुग्ध करती रही। नृत्य संरचना रंगोत्सव के तहत होली गीत के तहत...
प्रयाग संगीत समिति सिविल लाइंस शाखा में आयोजित दो दिवसीय ग्रीष्मोत्सव के अंतिम दिन पारंपरिक व शास्त्रीय नृत्य की मोहक प्रस्तुति दर्शकों को मुग्ध करती रही।
कथक केंद्र नई दिल्ली की गुरु मालती शाह ने अर्द्धनारीश्वर के लय में ‘अर्धांग भष्म भभूत सोहे.. और दादरा ताल में ठुमरी ‘छोड़ो..छोड़ो बिहारी नारी देखे सगरी.. पर नृत्य किया। मुकेश गंगानी और पार्थ मंडल के कलाकारों ने शिव कवच, बिलंबित तीन ताल और मध्य लय धमार ताल में पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति की।
नृत्य संरचना रंगोत्सव के तहत होली गीत के तहत कृष्ण-राधा के प्रेम और मीरा के विरह पर भावपूर्ण समूह नृत्य पर खूब तालियां बजीं। कलाकारों में जया भट्ट, मुकेश गंगानी, अभिषेक खीची, रोहित पवार, प्रदीप पाठक, नीरा रावत शामिल रहीं। पढ़ंत पर संगत रंजीत, पखावतन पर भीम सेन, तबले पर राहुल विश्वकर्मा, गायन में शमी उल्ला खान, सारंगी पर गुलाम वारिश, सितार पर उमा शंकर, बांसुरी पर विनय प्रसन्ना ने संगत किया। स्वागत सचिव अरुण कुमार, संचालन अर्चना दास ने किया।