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यूनिक आईडी मांगने पर क्राइम ब्रांच से जवाब तलब

हाईकोर्ट ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में क्राइम ब्रांच को यूनिक आईडी देने के जिला जज इलाहाबाद के प्रशासनिक आदेश की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार व क्राइम ब्रांच से जवाब मांगा...

यूनिक आईडी मांगने पर क्राइम ब्रांच से जवाब तलब
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादThu, 09 May 2019 01:38 PM
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हाईकोर्ट ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में क्राइम ब्रांच को यूनिक आईडी देने के जिला जज इलाहाबाद के प्रशासनिक आदेश की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार व क्राइम ब्रांच से जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एसके गुप्ता एवं न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर एसके पांडेय के माध्यम से दाखिल याचिका पर दिया है। केंद्र सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी का कहना है कि कानून के तहत जिला जज की अदालत को ऐसा आदेश देने का अधिकार है, प्रशासनिक नहीं। और कानून में संशोधन के बाद यह अधिकार भी हाईकोर्ट को मिल गया है। ऐसे में जिला जज ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर आदेश दिया है, जो विधिविरुद्ध है।

मामले के तथ्यों के अनुसार बिहार के रवि कुमार ने प्रियदर्शिनी गैस एजेंसी नैनी के मालिक अजीत मेहता को भारत पेट्रोलियम के एरिया मैनेजर की हैसियत से फोन करके रुपयों की मांग की। उन्होंने बताए गए बैंक खाते में ढाई लाख रुपये जमा कर दिए। यह रकम इलाहाबाद बैंक की पटना में देवरिया शाखा में जमा हुआ। दोबारा डेढ़ लाख रुपये जमा किए। उसके बाद फिर तीन लाख रुपयों की मांग की गई तो शक हुआ। पता किया तो जानकारी मिली कि एरिया मैनेजर ने फोन करके रुपये नहीं मंगाए हैं। उसके बाद एफआईआर दर्ज हुई। आरोप लगाया गया कि पटना के रवि कुमार ने एरिया मैनेजर बनकर ठगी की है। फर्जी आधार कार्ड दिया है। क्राइम ब्रांच ने रवि कुमार की यूनिक आईडी मांगी थी, जिसे जिला जज ने देने का आदेश दिया। केंद्र सरकार की ओर से इस आदेश को चुनौती दी गई है।

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