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दाल-रोटी का बजट नहीं, मेन्यू में दूध, पनीर

समाज कल्याण विभाग के आश्रम पद्धति के आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र भोजन को लेकर आए दिन वबाल करते हैं। क्योंकि मेन्यू में तो दूध, फल, पनीर व हफ्ते में एक दिन स्पेशल डिश भी शामिल है। हकीकत यह...

दाल-रोटी का बजट नहीं, मेन्यू में दूध, पनीर
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादMon, 25 Dec 2017 03:25 PM
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समाज कल्याण विभाग के आश्रम पद्धति के आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र भोजन को लेकर आए दिन वबाल करते हैं। क्योंकि मेन्यू में तो दूध, फल, पनीर व हफ्ते में एक दिन स्पेशल डिश भी शामिल है। हकीकत यह है आवंटित बजट में रोटी, दाल, चावल, सब्जी व दो बार नाश्ता देना भी मुश्किल है।

जिले में आश्रम पद्धिति के चार विद्यालय हैं। शंकगढ़ के नाराबारी, कोरांव, करछना के भुंडा व कौड़िहार विकास खंड के जगदीशपुर गांव में। इन विद्यालयों में कक्षा 6 से इंटर तक अनुसूचित व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभिभावकों के छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। इन इंटर कॉलेजों में 12 सौ अधिक विद्यार्थी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते हैं। इन सभी छात्रों को सुबह, शाम नाश्ता, दोपहर व रात में भोजन दिया जाता है। हर छात्र को एक दिन के भोजन व नाश्ते के लिए केवल 75 रुपये ही शासन से मिलते हैं।

बजट इतना कम है लेकिन मेन्यू भारी भरकम है। सुबह के नाश्ते में चाय, पोहा व अन्य ठोस खाद्य पदार्थ, दोपहर के भोजन में रोटी, दाल, चावल, दो प्रकार की सब्जी, शाम के नाश्ते में बिस्कुट या लाई, चना के साथ चाय, रात के भोजन में रोटी, दाल, सब्जी, चावल, कोई एक फल व दूध, इतना ही नहीं सब्जी भी बदल-बदल कर देनी है। हफ्ते तीन दिन पनीर की सब्जी और एक दिन पूड़ी, सब्जी, पुलाव व खीर। 2012 में यह तय हुआ था तब से वही मेन्यू चल रहा है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधीर कुमार का कहना है कि प्रतिदिन के 75 रुपये में 13 रुपये जीएसटी के भी शामिल हैं। इस तरह एक दिन के भोजन के लिए प्रति छात्र केवल 62 रुपये ही मिल रहे हैं। इस बजट में अभी संशोधन नहीं किया गया है। कई बार कहने पर भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। छात्र तो केवल मेन्यू देखते हैं।

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