11 साल बाद इलाहाबाद टिप-टिप बरस रहा सावन
कई सालों बाद सावन का असली का रंग दिखा। पिछले पांच दिन से रिझझिम बारिश हो रही है। तापमान कम होने से ठंड भी लग रही है। सावनी फुहारों का ऐसा नजारा 2007 में भी था जब एक हफ्ते तक लगातार बादल छाए हुए थे।...
कई सालों बाद सावन का असली का रंग दिखा। पिछले पांच दिन से रिझझिम बारिश हो रही है। तापमान कम होने से ठंड भी लग रही है। सावनी फुहारों का ऐसा नजारा 2007 में भी था जब एक हफ्ते तक लगातार बादल छाए हुए थे। सूरज के दर्शन नहीं हुए थे।
शुक्रवार से ही आसमान में बादल डटे हुए हैं। तब से दिन व रात में धीमी गति से बरसात हो रही है। वैसे ऋतु चक्र के अनुसार भारी बारिश आषाढ़ व भादो में ही होती है। सावन में रिमझिम फुहारें ही पड़ती हैं। लेकिन पर्यावरण में हो रहे असंतुलन से सब कुछ गड़बड़ हो गया है। पिछले कई सावन में तो इतनी बारिश हुई कि बाढ़ आ गई थी। इस बार सावन अपने पुराने अंदाज में बरस रहा है। जिससे दिन व रात का तापमान औसत से भी कम हो गया।
जुलाई में दिन का औसत तापमान 34.1 व रात में 24 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। मंगलवार को दिन का तापमान 26.4 व रात का 24.1 डिग्री सेल्सियस था। दिन का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस कम होने से ठंड का अहसास होने लगा। पंखे की हवा भी एसी की तरह लग रही थी।
वैसे मंगलवार को जिले की आठ तहसीलों में 91.6 डिग्री सेल्सियस बरसात हुई। सबसे अधिक 25 मिमी बारिश बारा तहसील में हुई। दूसरे नंबर पर रहा करछना। सोरांव तहसील में बरसात ट्रेस ही नहीं हो पाई। हालांकि इस तहसील भी फुहारें पड़ीं।