जंक्शन पर देखिए विदेशी चित्रकारों की रिक्शा आर्ट
रूस और ब्रिटेन की तीन महिलाएं सजा रहीं दरो-दीवार
साज-सज्जा-
रूस और ब्रिटेन की तीन महिलाएं सजा रहीं दरो-दीवार
दिल्ली स्ट्रीट आर्ट ग्रुप में शामिल हैं तीन विदेशी चित्रकार
प्रयागराज। वरिष्ठ संवाददाता
सड़कों पर चलने वाले रिक्शों के पीछे स्थानीय चित्रकार तरह- तरह के चित्र बनाते हैं। अब विदेशी चित्रकार इसी तरह के चित्रों को जंक्शन की दरो-दीवार पर उकेर रहे हैं। इसे नाम दिया गया है रिक्शा आर्ट।
कुम्भ के लिए जंक्शन को निखारने में जुटीं तीन विदेशी चित्रकार सिविल लाइंस साइड वेटिंग हॉल को रिक्शा कला से सजा रहीं हैं। रूस की आना और मारिया के अलावा ब्रिटिश मूल की एनी 10 से 12 घंटे काम करके जंक्शन को तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए संवारने में जुटी हैं।
जंक्शन का प्लेटफॉर्म एक, यात्री पुल, वेटिंग हॉल आदि को सजाने के लिए रेलवे ने दिल्ली के एक ग्रुप दिल्ली स्ट्रीट आर्ट को बुलाया है। नीरज वैद्य के निर्देशन में 20 चित्रकारों की टीम जंक्शन की दरो-दीवार पर चित्रकारी कर रही है। इसी समूह में विदेशी मूल की आना, मारिया और एनी शामिल हैँ।
नीरज के मुताबिक जंक्शन की दीवारों पर रेलवे और इससे जुड़ी चित्रकारी के साथ यूपी के ऐतिहासिक भवनों के चित्र उकेरे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जंक्शन पर दिखने वाले रिक्शों के पीछे की जाने वाली चित्रकारी को भी अहमियत दी जा रही है। दीवार पर रिक्शे में बैठकर सवारी का इंतजार करते रिक्शा चालक को भी दर्शाया जा रहा है। इस चित्रकारी से वेटिंग हॉल में बैठने वालों को रेलवे स्टेशन का एहसास होगा। वहीं, लाइन शाह बाबा मजार वाले पुल पर प्रयागराज के ऐतिहासिक भवनों के साथ संगम का दृश्य भी उकेरा गया है। यूपी के पर्यटनस्थलों के चित्र भी दीवारों पर उकेरे जा रहे हैँ। उनके मुताबिक पखवारेभर में स्टेशन सज उठेगा।