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आयोग की जांच कर रहे एसपी की प्रतिनियुक्ति समाप्त

लोक सेवा आयोग

आयोग की जांच कर रहे एसपी की प्रतिनियुक्ति समाप्त
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादSat, 17 Nov 2018 08:46 PM
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-सिक्किम कॉडर के एसपी राजीव रंजन जनवरी से कर रहे थे भर्तियों में भ्रष्टाचार की जांच

-अब दूसरे एसपी करेंगे जांच, जांच को लेकर प्रतियोगियों में असमंजश की स्थिति

इलाहाबाद प्रमुख संवाददाता

लोक सेवा आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच कर रहे सीबीआई के एसपी राजीव रंजन की प्रतिनियुक्ति पूरी हो गई है। वह सिक्किम कॉडर के 2005 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उनके जाने के बाद अब इस मामले की जांच सीबीआई के दूसरे एसपी करेंगे।

इस बदलाव से प्रतियोगी छात्रों में इस अहम जांच को लेकर असमंजश की स्थिति बन गई है। उन्हें जांच प्रभावित होने की आशंका है क्योंकि लगभग दस माह से मामले की जांच कर रहे राजीव रंजन न केवल कई भर्तियों की तह तक पहुंच चुके थे बल्कि उन्होंने कई संदिग्ध लोगों से खुद पूछताछ कर तमाम अहम जानकारियां भी जुटाई थीं।

जनवरी के कर रहे थे जांच

पूर्व में झारखंड लोक सेवा आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार की जांच कर चुके राजीव रंजन ने जनवरी में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच शुरू की थी। 24 जनवरी 2018 को लखनऊ में इस प्रकरण की जांच के लिए केस (पीई) दर्ज कराने के उपरांत सीबीआई के एसपी 31 जनवरी की सुबह यहां पहुंचे थे और इसी दिन उनके नेतृत्व में पहली बार सीबीआई टीम आयोग में दाखिल हुई थी। राजीव रंजन के नेतृत्व में ही सीबीआई टीम ने अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग कर आयोग के सभी अनुभागों के कम्प्यूटर की डाटा स्कैनिंग कर रिकार्ड लिए थे। राजीव रंजन की पहल पर ही मई में पीसीएस 2015 मुख्य परीक्षा के अनिवार्य विषय हिन्दी और निबंध के मॉडरेशन में गड़बड़ी को लेकर आयोग के अज्ञात अफसरों और कुछ बाहरी अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी।

खुलवाया था कैंप कार्यालय

एसपी राजीव रंजन की पहल पर ही आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच के लिए गोविन्दपुर स्थित सिंचाई डाक बंगले में कैंप कार्यालय खोला गया था। इस कार्यालय में बकायदा स्टॉफ की तैनाती की गई और कई संदिग्धों से यहीं पर पूछताछ भी की गई। कैंप कार्यालय की व्यवस्था के लिए उन्हें शासन स्तर तक अफसरों से मिलकर शिकायत भी करनी पड़ी थी।

प्रतियोगियों का अर्जित किया विश्वास

एसपी राजीव रंजन ने जांच के दौरान प्रतियोगी छात्रों का विश्वास भी अर्जित किया। 31 जनवरी को जब वह पहली बार प्रयागराज आए थे तो वह शाम को अचानक मंमफोर्डगंज स्थित फव्वारा चौराहा पहुंच गए थे और प्रतियोगी छात्रों के बीच बैठकर चाय पीते हुए उनके बात कर कई सारी जानकारियां जुटाई थीं।

सीबीआई के विवाद से भी जुड़ रहा मामला

प्रतियोगी छात्रों के बीच इस बात की चर्चा है कि राजीव रंजन की प्रतिनियुक्ति की अवधि एक माह पूर्व समाप्त हो गई थी। वह प्रतिनियुक्ति की अवधि बढ़ाए जाने की उम्मीद में काम कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की ओर से लोक सेवा आयोग की सीबीआई जांच का हवाला देते हुए केंद्र सरकार के पास प्रतिनियुक्ति की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा भी गया था लेकिन केंद्र सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया। जानकारों का मानना है कि सामान्य तौर पर सरकार सीबीआई के ऐसे किसी प्रस्ताव को अस्वीकार नहीं करती है। चर्चा है कि सीबीआई में दो शीर्ष अफसरों के बीच पिछले दिनों जो विवाद उत्पन्न हुआ, उसकी वजह से उनकी प्रतिनियुक्ति की अवधि नहीं बढ़ाई गई। वहीं चर्चा इस बात की भी है कि जांच को प्रभावित करने की कोशिश में लगे कुछ लोगों की वजह से उन्हें वापस अपने काडर में लौटना पड़ा है।

प्रतिनियुक्ति बढ़ाने को लिखा पत्र

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर लोक सेवा आयोग की भर्तियों की जांच पूरी होने तक राजीव रंजन की प्रतिनियुक्ति की अवधि बढ़ाने की मांग की है।

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