अलविदा तश्ना दहन, सिब्ते पयंबर अलविदा
अय्यामे अजा के बचे तीन दिनों में मातम-मजलिसें बढ़ी
सिलसिला-ए-गम
अय्यामे अजा के बचे तीन दिनों में मातम-मजलिसें बढ़ी
दायरा शाह अजमल में मजलिस, शाहगंज से निकला जुलूस
प्रयागराज वरिष्ठ संवाददाता
अय्यामे अजा के अब सिर्फ तीन दिन ही बचे हेँ। 17 नवम्बर को चुप ताजिया जुलूस के साथ सिलसिला-ए-गम थम जाएगा और 18 को शिया मुस्लिम ईदे जहरा की खुशियां मनाएंगे। अय्यामे अजा के बचे दिनों में शहर में मातम मजलिसें बढ़ गई हैं। इसी कड़ी में बुधवार को दायरा शाह अजमल में मजलिस हुई और शाहगंज से जुलूस निकाला गया।
दायरा शाह अजमल में सैयद हसन असकरी और सगीरा बेगम के ईसाले सवाब की मजलिस में जाकिरे अहलेबैत रजा अब्बास जैदी ने दीन की बातें बताई। कहा कि हुसैने मजलूम ने यजीदी जुल्म के खिलाफ एक ऐसी तहरीक चला दी जो ताकयामत एक दर्स देती रहेगी। अंजुमन गुंचा-ए-कासिमिया ने अलविदाई नौहा पढ़ा। वहीं, दूसरी मजलिस नूह रिजवी के अजाखाने में हुई, जिसे मौलाना अख्तर हुसैन रिजवी ने खिताब किया। शहंशाह हुसैन ने गमगीन मर्सिया पढ़ा। मंजर कर्रार, कौशर असकरी, आगा मो. कैसर, मसूद हुसैन, खुशनूद रिजवी, रिजवान जव्वादी, सैयद मो. असकरी, हुसैन रजा, अजादार हुसैन आदि मौजूद रहे।
शाहगंज स्थित इमामबाड़ा हातिफ हुसैन से जुलूस अलविदा या हुसैन निकाला गया। जुलुस में शहर की अंजुमनें नौहाखानी और मातम करती चलीं। शबीह ताबूत, अलम और जुलजनाह के साथ निकाला गया जुलूस इमामबाड़ा असद रजा पहुंचकर खत्म हुआ। शायर मोअज्जम पाशा के इमामबाड़े पर अंजुमन गुंचा-ए-कासिमिया ने नौहा पढ़ा।
जश्न-ए-ईदेमिलादुन्नबी पर 20 को निकलेंगे जुलूस
जश्न-ए-ईदेमिलादुन्नबी 21 नवम्बर को मनाया जाएगा। इससे पूर्व 20 नवम्बर की रात में शहर के विभिन्न मुहल्लों से जुलूस निकाले जाएंगे। जुलूस कदीमी रास्तों से होकर दायरा शाह अजमल पहुंचेंगे। यहां जलसा होगा। ईदेमिलादुन्नबी की तैयारियों को लेकर मानस सेवा संगठन ने बुधवार को दरियाबाद में बैठक की। इसमें जुलूस के बदहाल रास्तों को सुधरवाने की मांग की गई। जोगीघाट की बड़ी मस्जिद के पास से कूड़े का अंबार हटावाने की मांग की गई। अली मोहसिन नकवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में आशिक इलाहाबादी, शब्बीर हुसैन, शाहिद अब्बास, मुंतजिर हुसैन, हुसैन अब्बास, इसरार अहमद आदि मौजूद रहे।