हिन्दुस्तान विशेष-एएमयू में शुरू हुआ कोरोना की ड्रग डिजाइनिंग पर काम
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कोरोना वायरस से निपटने के लिए ड्रग डिजाइनिंग पर काम शुरू कर दिया है। पहले शुरुआती डाटाबेस पर काम होगा। उसके बाद विवि की लैब में टेस्टिंगग के बाद फूड एड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से अप्रूव्ड किया जाएगा। डाटा बेस को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए तैयार किया जाएगा।
कोरोना वायरस ने चीन से शुरूआत कर पूरी दुनिया में दस्तक दे दी है। इस वायरस की चपेट में आमजन तेजी से आ रहा है। कई देशों के बाद भारत में भी कोरोना से निपटने के लिए कई कवायद की जा रही है। प्रयास किया जा रहा है कि वायरस को जल्द से जल्द देश से भगाया जाएं। इससे निपटने के लिए ड्रग की तलाश भी की जा रही रहै। इसके लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने भी अपने स्तर से कोरोना से निपटने की कवायद तेज कर दी है। जिसमें निर्णय लिया गया है कि शुरुआत में डाटाबेस पर काम करने के पश्चात ड्रग डिजाइन पर काम किया जाएगा। विश्वविद्यालय में शुरुआत में अकेले ही इस पर काम करने की तैयारी की गई है। विश्वविद्यालय स्तर से काम शुरू कर दिया गया है। जिसमें कोविड-19 वायरस के टारगेट की स्क्रीनिंग कर ड्रग की तलाश की जाएगी। यूनिवर्सिटी लैब में टेस्टिंग के बाद फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से इसको अप्रूव्ड किया जाएगा। विश्वविद्यालय को इसमें सफलता मिली तो यह भारत देश की बड़ी जीत होगी।
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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए डेटा बेस स्क्रीनिंग
-एएमयू की लैब में कोरोना से लडने के लिए यह पूरी कवायद आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए की जाएगी। इसमें डेटा बेस स्क्रीनिंग के साथ अन्य काम किये जाएंगे।
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दो स्कॉलर्स को साथ लेकर किया जा रहा काम
-लैब में यह काम प्रो. असद यू खान ने अपने दो स्कॉलर्स को साथ लेकर शुरू किया है। इसमें सफलता मिलने की उम्मीद है।
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ड्रग डिजाइन पर इस तरह होगा काम
-कोविड-19 से निपटने के लिए कौन सी दवा वायरस पर फीट करेंगी। इस पर काम किया जाएगा। उसके बाद दवा खरीदकर वायरस पर टेस्ट किया जाएगा। यह काम किसी दवा कंपनी के साथ मिलकर किया जाएगा। सफलता मिलने पर वायरस की चपेट में आने वाले लोगों को लाभ मिल सकेगा।
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दवा कंपनियों का भी लेंगे सहयोग
-वायरस से निपटने के लिए दवा कंपनियों को भी साथ लिया जाएगा। इसके लिए कई कंपनियों से बातचीत भी हो चुकी है।
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छह से दस माह तक चलेगी कवायद
-लैब में यह कवायद छह से दस माह तक चलेगी। उसके बाद ही परिणाम सामने आने शुरू होंगे। वायरस से लगातार बढने के चलते कार्य तेजी से किया जा रहा है।
-एएमयू मे कोरोना वायरस से निपटने के लिए ड्रग डिजाइन पर काम किया जा रहा है। कोविड-19 वायरस के टारगेटट की स्क्रीनिंग कर ड्रग की तलाश की जाएगी। लैब में टेस्टिंग के बाद फूड एंड ड्रग एडमिनिस्टे्रशन की ओर से अप्रूव्ड किया जाएगा।
प्रो. एसयू खान, चेयरमैन, बायो टेक्नोलोजी विभाग, एएमयू
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कोरिया यूनिवर्सिटी के साथ करना था ड्रग डिजाइन
एएमयू को यह ड्रग डिजाइन कोरिया यूनिवर्सिटी के साथ करना था। लेकिन भारतीय नियमानुसार इसको बीच में ही रोककर भारतीय दवा कंपनियों एवं अन्य लोगों का सहयोग लिया जाएगा। किसी भी देश का इसमें कोई सहयोग नहीं लिया जाएगा।