सहरी और इफ्तारी की थाली पर महंगाई की मार
महंगाई की मार से हर आम-खास परेशान है। सहरी और इफ्तार की थाली पर भी महंगाई की मार है। पिछले साल की तुलना में इस बार खान पान के दाम में भारी उछाल आया है। रमजान में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला खजूर...
महंगाई की मार से हर आम-खास परेशान है। सहरी और इफ्तार की थाली पर भी महंगाई की मार है। पिछले साल की तुलना में इस बार खान पान के दाम में भारी उछाल आया है। रमजान में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला खजूर और सेंवई की कीमत 20-30 रुपये तक बढ़ गई है। पिछले कुछ सालों में महंगाई ने लोगों को परेशान कर रखा है। आलम यह है कि हर कोई इससे परेशान हैं। पहले फल, सब्जियां, खजूर, सेंवई आदि सस्ते दामों में उपलब्ध रहते थे। वहीं अब एक साल में दाम 20 से 30 फीसदी तक बढ़ गए है। रमजान में सुबह सेहरी में तो फिर भी कम लेकिन पूरे दिन रोजा रखने के बाद इफ्तार में सभी लोग अपने मनपसंद खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करना ज्यादा चाहते हैं। सबसे ज्यादा खजूर और सूतफेनी की डिमांड रहती है। कोई अच्छे से अच्छा खजूर तो कोई पसंदीदा फलों से इफ्तारी करना चाहता है लेकिन वर्तमान में देखें तो हालात बदल चुके हैं। महंगाई बढ़ने से रोजेदारों की थाली में इन चीजों की संख्या कम होती जा रही है। रोजेदार भी यह सोचने पर मजबूर हैं कि आखिरकार क्या खरीदा और खाया जाए। रेट- फल पिछले साल वतर्मान खजूर 80-90 100-120 आम 30-40 40-60 अनार 60 से 80 100 सेब 100 150-200 सेंवई 80 100 से ऊपर नोट: दाम रुपये प्रति किलो -इन दिनों खजूर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। फल भी हर किसी के लिए अहमियत रखते हैं। लेकिन चीजें इतनी महंगी हो गई हैं कि अब हर आदमी इनको खरीद भी नहीं सकता। -कामरान हासमी -महंगाई दिनोंदिन आसमान छू रही है। खाने-पीने की चीजों के दाम ऐसे बढ़ गए हैं कि हर कोई सोचने को मजबूर हो जाए। इसका फर्क सहरी और इफ्तार दोनों में दिखाई देने लगा है। -मो. इमरान